इंदौर। मोटी रकम वसूलने के लिए डॉक्टर और लैब संचालक ने एक वृद्धा को एचआईवी पीड़ित बता दिया। उसकी सर्जरी कर लाखों रुपये फीस वसूल ली। दूसरी लैब में टेस्ट करवाने पर पोल खुली तो स्वजन चौंक गए। तीन महीने तक दहशत में रहे परिवार ने पुलिस में शिकायत की। पंढरीनाथ पुलिस अब लैब, डॉक्टर और अस्पताल की जांच कर रही है।
मामला पंढरीनाथ थाना अंतर्गत रहने वाले एक प्रतिष्ठित परिवार का है। 75 वर्षीय वृद्धा की गिरने से हड्डी टूट गई थी। स्वजन ने नजदीकी अस्पताल ले गए तो डॉक्टर ने कहा ऑपरेशन करना पड़ेगा। स्वजन को 40 हजार रुपये खर्च बताया गया। दो दिन बाद डॉक्टर ने जांच रिपोर्ट बताते हुए कहा वृद्धा तो एचआईवी पीड़ित हैं।
उन्होंने विभिन्न तरीकों से डराया और कहा कि इसका ऑपरेशन संभव नहीं है। परिचित डॉक्टर की मदद लेने पर प्रबंधन ने ऑपरेशन की हां कर दी, लेकिन ढाई लाख रुपये मांगे। ऑपरेशन से इन्कार करने वाले डॉक्टर ढाई लाख रुपये लेने के बाद ऑपरेशन से लिए राजी हो गए।
अस्पताल की लैब ने बनाई फर्जी रिपोर्ट
पीड़ित ने जनप्रतिनिधियों की मदद से पंढरीनाथ थाना में शिकायत की। एएसआई अनवर सैयद ने अस्पताल प्रशासन को नोटिस जारी कर थाना में तलब किया। डॉ. रजनीश ने कहा कि एचआईवी पीड़ित की लैब से रिपोर्ट मिली थी।
एएसआई के मुताबिक अस्पताल में ही लैब चलती है। उसने नमूने लिए थे। तीन महीने बाद वृद्धा की एमवाय अस्पताल में जांच करवाई गई तो सामान्य मिली। डॉक्टर ने कहा वृद्धा को एड्स नहीं है। एएसआई के मुताबिक मामले की जांच चल रही है।
ऑपरेशन और उपकरण के नाम पर रुपये वसूले
पीड़ितों ने कहा उनको एड्स के नाम पर डराया गया। डॉक्टर ने कहा एड्स पीड़िता का ऑपरेशन नहीं होता है। इसके लिए सारे उपकरण फेंकना पड़ते हैं। डॉक्टर और कर्मचारी काम नहीं करते हैं। तीन महीने तक पूरा परिवार दहशत में रहा। एएसआई के मुताबिक अभी जांच चल रही है।