शहर के नेत्र रोग विशेषज्ञ डाॅ. अनुराग श्रीवास्तव(64) को बैडमिंटन खेलते-खेलते सोमवार सुबह अटैक आ गया, जिससे उनकी मौत हो गई। वह रोजाना की तरह होटल सायाजी में बैडमिंटन खेल रहे थे। दो राउंड खेलने के बाद वह थक गए और उन्हें सांस लेने में तकलीफ होने लगी, जिसके बाद वह बेसूध हो गए। साथी डाॅक्टरों ने उन्हें सीपीआर दिया और खून पतला करने की दवाई भी उन्हें खिलाई। लेकिन कोई हलचल नहीं हुई। इसके बाद वह अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डाॅक्टरों ने उन्हें मृत घोषित किया।
- परिवार की सहमति से एमवाय अस्पताल में नेत्रदान किया। साथी सीए विक्रम गुप्ते ने बताया कि डाॅ. श्रीवास्तव को हृदय से संबंधी कोई समस्या नहीं थी।
- दो-तीन महीने पहले ही उनकी स्पाइन की सर्जरी हुई थी, लेकिन वह स्वस्थ हो गए थे। उन्हें उच्च रक्तचाप था, जिसकी दवाई भी वह नियमित लेते थे।
- हमारा एक ग्रुप बना हुआ है जो करीब 20 वर्ष से रोजाना बैडमिंटन खेलने के लिए आता है। डाॅ. श्रीवास्तव आपरेशन के बाद कुछ माह तक खेलने नहीं आए थे, दो सप्ताह से ही वह वापस खेलने आए थे।
अगले सप्ताह पोती से मिलने जाने वाले थे स्वीडन
- डाॅ. श्रीवास्तव का बड़ा बेटा स्वीडन में स्टार्टअप चलाता है।
- उसे कुछ दिन पहले ही बेटी हुई है। डाॅ. श्रीवास्तव की पत्नी भी देखभाल के लिए वहीं रहती है।
- वह भी अगले सप्ताह खुद भी पोती से मिलने के लिए स्वीडन जाने वाले थे।
- वहीं छोटा बेटा डाॅ. प्रांजल आर्मी में है, वह सूचना के बाद भोपाल से इंदौर पहुंच गया है।
- इनका अंतिम संस्कार स्वीडन से पत्नी और बेटे के आने के बाद मंगलवार को होगा।
गायन के शौकीन थे डाॅ. श्रीवास्तव
डाॅ. श्रीवास्तव गायन के शौकीन थे, वह डाॅक्टरों द्वारा बनाए गए ””स्पंदन”” समूह का भी हिस्सा थे। इनके बैचमेट डाॅ. आशुतोष शर्मा ने बताया कि उन्होंने हाल ही में स्पंदन कार्यक्रम में भाग लिया था और कुछ महीने पहले चार गाने गाए थे।
पुराने नहीं जाएंगे तो नए कहां से आएंगे
बता दें कि उन्होंने रविवार को ही अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट किया था, जिसमें लिखा था पुराने नहीं जाएंगे तो नए कहां से आएंगे, पेड़ कब तक पीले पत्ते संभालते जाएंगे।