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डॉक्टर ने पेश की मिसाल, बर्थडे पर 12 गरीब बुजुर्गों का पूरा किया ‘सपना’, आज भी है इस बात का अफसोस

अन्न दान, वस्त्र दान, रक्तदान, नेत्रदान, देहदान, श्रमदान जैसे अनेक पुण्य कार्यों के बारे में हम अक्सर सुनते हैं। लेकिन रिसाली के रहने वाले डॉ. देवानंद समद्दार ने अपने जन्मदिन पर एक ऐसा कार्य किया है, जो समाज के लिए नई मिसाल बन सकता है। वे हर साल अपने जन्मदिन पर उन बुजुर्ग और जरूरतमंद लोगों को हवाई यात्रा कराते हैं, जो शायद अपने जीवन में कभी हवाई जहाज को देखने की भी उम्मीद नहीं रखते।

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इस साल 11 जुलाई को जन्मदिन पर डा. समद्दार ने अपने घर के आसपास रहने वाले 12 बुजुर्गों को हवाई यात्रा पर लेकर गए। उन्होंने इन सभी को कोलकाता की यात्रा करवाई। यात्रा के दौरान उन्होंने न सिर्फ टिकट और रहने-खाने की पूरी व्यवस्था की, बल्कि हर बुजुर्ग का विशेष ध्यान भी रखा। यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा में कोई कमी न हो, इसके लिए उन्होंने पहले से ही पूरी योजना तैयार कर रखी थी।

48 बुजुर्गों को करा चुके हैं हवाई यात्रा

वे अब तक 48 गरीब बुजुर्ग लोगों को हवाई यात्रा करा चुके हैं। डॉ. समद्दार एक फाइनेंशियल कंसल्टेंट हैं और अपनी सालभर की आय से एक हिस्सा गरीबों की सेवा के लिए अलग रखते हैं। यही राशि वे हवाई यात्रा पर खर्च करते हैं। उनका कहना है कि जब उनके पिता जीवित थे, तब वे उन्हें हवाई यात्रा नहीं करा सके। यह एक ऐसा अफसोस है, जो उन्हें आज भी कचोटता है। इसी अधूरे सपने को अब वे दूसरों के साथ मिलकर पूरा कर रहे हैं।

उन्होंने बताया कि उनके पिता हमेशा चाहते थे कि समाज के वंचित वर्ग के लोगों को भी वे सुविधाएं मिलें, जो आमतौर पर केवल आर्थिक रूप से संपन्न लोग उठा पाते हैं। उसी भावना को आत्मसात करते हुए डॉ. समद्दार ने यह प्रण लिया है कि अब हर साल अपने जन्मदिन पर वे आसपास के गरीब बुजुर्गों को देश के किसी न किसी जगह की हवाई यात्रा कराएंगे। यह उनके लिए सिर्फ सेवा नहीं, बल्कि एक भावनात्मक संकल्प है।

कई लोगों के लिए प्रेरणा हैं डॉ. समद्दार

डॉ. समद्दार की यह पहल उन तमाम लोगों के लिए प्रेरणा है, जो अपने जीवन में दूसरों के लिए कुछ करना चाहते हैं। उनका यह कदम समाज को यह संदेश देता है कि दान सिर्फ पैसों का नहीं, अनुभवों का भी हो सकता है और जब वह अनुभव किसी की जिंदगी की सबसे बड़ी खुशी बन जाए, तो उससे बड़ा पुण्य और कुछ नहीं है।

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