मध्य प्रदेश : दमोह का फर्जी डॉक्टर नरेंद्र विक्रमादित्य यादव उर्फ एन जॉन केम गिरफ्तार हो गया है, लेकिन उस तक पुलिस को पहुंचने में किस तरह सफलता मिली, यह भी काफी मजेदार है. पुलिस की साइबर सेल को डाॅक्टर की लोकेशन प्रयागराज की मिली. इसके बाद दमोह से एक विशेष टीम रवाना हुई. दरअसल, यह फर्जी डाॅक्टर कहां छिपा था, इसके लिए पुलिस के हाथ एक बहुत बड़ा सुराग लगा. हुआ यूं कि इस फर्जी डाॅक्टर ने चिकिन शाॅप पर आर्डर किया और अपनी लोकेशन भेजी, जो दमोह की विशेष पुलिस टीम के हाथ लग गई. इस तरह पुलिस उसके ठिकाने पर पहुंची और उसे गिरफ्तार कर लिया.
वहीं सात मौतों के आरोपों को लेकर पुलिस अधीक्षक श्रुतकीर्ति सोमवंशी ने का कहना था कि अभी सीएमएचओ और जबलपुर मेडिकल कॉलेज की टीम दस्तावेजों की जांच कर रही हैं. इनके फर्जी पाए जाने पर यह निर्धारित होगा कि डॉक्टर एन जॉन केम डाॅक्टरी पेशे के लायक था या नहीं. वहीं इसके बाद ही इसको लेकर मामला दर्ज किया जाएगा. मिशन हॉस्पिटल प्रबंधन पर कार्रवाई करने को लेकर एसपी का कहना था कि जांच चल रही है. जो भी दोषी होगा, उस पर कार्रवाई होगी.
सीएमएचओ ने आरोपी डॉक्टर पर कराई FIR
वहीं अब दमोह के सीएमएचओ डॉ. मुकेश जैन ने भी इस मामले पर अपनी सफाई दी. मानवाधिकार टीम के आने से ठीक पहले सीएमएचओ डॉक्टर मुकेश जैन कोतवाली थाने पहुंचे और उन्होंने फर्जी डॉक्टर एन जॉन केम पर मुकदमा दर्ज कराया. दरअसल, दमोह के मिशन अस्पताल में फर्जी कॉर्डियोलॉजिस्ट बनकर एंजियोग्राफी और एंजियोप्लास्टी के दौरान सात मरीजों की मौत के मामले में आरोपी बने डॉ. नरेंद्र विक्रमादित्य यादव उर्फ एन जॉन केम की डिग्रियां संदिग्ध पाई गई हैं
सीएमएचओ डॉ. मुकेश जैन ने बताया कि आरोपी के पास से एक एमबीबीएस, दो एमडी (डॉक्टर ऑफ मेडिसिन) और एक डीएम (कार्डियोलॉजी) की डिग्री जब्त की गई है. इनमें रजिस्ट्रेशन नहीं है और हस्ताक्षर फर्जी हैं. हैरानी की बात यह है कि आरोपी ने पांडिचेरी यूनिवर्सिटी की जिस डीएम कॉर्डियोलॉजिस्ट की डिग्री के आधार पर मिशन अस्पताल में नौकरी पाई और इलाज के दौरान सात लोगों की मौत हुई, उस डिग्री पर पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी के डुप्लीकेट हस्ताक्षर हैं.
कहां कहां से ली डिग्रियां?
इसने नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस, कोलकाता नेशनल मेडिकल कॉलेज से एमडी और पांडिचेरी यूनिवर्सिटी से डीएम कॉर्डियोलॉजिस्ट की डिग्री ली हैं. इस डिग्री पर पूर्व उपराष्ट्रपति के हस्ताक्षर मिले हैं. इसकी जांच सीएमएचओ ने कराई, जिसमें हामिद अंसारी के लेटरहैड के साइन और डिग्री पर साइन अलग-अलग हैं, जिसके आधार पर पुलिस में एफआईआर कराई गई. आरोपी का आधार नंबर एन जॉन केम के नाम से निकल रहा है.
वहीं इस फर्जी डॉक्टर की डिग्रियों की जांच को लेकर जिला पुलिस अधीक्षक श्रुतकीर्ति सोमवंशी ने भी जानकारी दी और बताया कि उसने कई तरह की फर्जी डिग्री बना रखी थी. इस मामले पर मेडिकल एक्सपर्ट्स की टीम जांच कर रही है.
कैथ लैब को किया गया सील
वहीं राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग की जांच और फिर दिए गए निर्देशों के बाद गुरुवार शाम मिशन अस्पताल का कैथ लैब सील कर दिया गया. जिला प्रशासन को मिले निर्देश के बाद कलेक्टर ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए कि मिशन अस्तपाल का कैथ लैब सील किया जाए. इसके बाद हेल्थ टीम कार्यपालक मजिस्ट्रेट और पुलिस के साथ मिशन अस्पताल पहुंची और इस लैब को सील कर दिया. ये वही कैथ लैब है, जहां फर्जी डॉक्टर एन जॉन केम उर्फ नरेंद्र विक्रमादित्य यादव ने हार्ट सर्जरी की थी