Rajasthan: उदयपुर के सबसे बड़े चिकित्सालय में प्रशासनिक लापरवाही का एक गंभीर मामला सामने आया है, जहां एक रेजिडेंट डॉक्टर, डॉ. रवि प्रकाश शर्मा की असामयिक मृत्यु के बाद सभी रेजिडेंट डॉक्टरों ने हड़ताल घोषित कर दी है. डॉ. शर्मा की मृत्यु वाटर कूलर से करंट लगने के कारण हुई थी.
चौंकाने वाली बात यह है कि केवल उस वाटर कूलर में ही नहीं, बल्कि अस्पताल के अन्य कई हिस्सों में भी खतरनाक करंट दौड़ने की पुष्टि हुई है. जानकारी के अनुसार, इसी अस्पताल का एक विंग, बड़ी स्थित राजकीय टीबी चिकित्सालय में भी अलमारी में करंट आने की बात सामने आई है. यह प्रशासनिक लापरवाही की हद को दर्शाता है, जिससे अस्पताल में मरीजों और कर्मचारियों दोनों की जान को खतरा बना हुआ है.
प्रशासन की ओर से हड़ताल खत्म करवाने के लिए रेजिडेंट डॉक्टरों के अभिभावकों को पत्र लिखने और परीक्षाओं की तिथि घोषित करने जैसे कदम उठाए गए हैं, जो स्थिति को और भी तनावपूर्ण बना रहे हैं. प्रशासन और रेजिडेंट डॉक्टरों के बीच चल रहे इस मनमुटाव का सीधा खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है. हालांकि, रेजिडेंट डॉक्टरों ने मरीजों की परेशानी को देखते हुए एक सराहनीय कदम उठाया है. उन्होंने अस्पताल परिसर में ही ओपीडी की व्यवस्था शुरू कर दी है, जिससे मरीजों को काफी राहत मिल रही है.
यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि क्या प्रशासन अपने हठधर्मिता के कारण मेडिकल छात्रों को झुका पाता है, या न्याय की खातिर लड़ रहे इन मेडिकल छात्रों की जीत होती है. इस घटना ने अस्पताल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं और यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि ऐसी लापरवाही भविष्य में दोबारा न हो. मरीजों की सुरक्षा और डॉक्टरों के हितों की रक्षा सर्वोपरि होनी चाहिए.