छत्तीसगढ़ में अब डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ को अदालत में पेश होकर गवाही देने की जरूरत नहीं होगी। राज्य की सभी 23 जिला अदालतें और जिला अस्पताल अब वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से आपस में जुड़ गए हैं। इसका मतलब यह है कि अब मेडिकल रिपोर्ट और डॉक्टरों के बयान वर्चुअली लिए जा सकेंगे। इस नई सुविधा की शुरुआत हो चुकी है। इस कदम से अदालत की कार्यवाही न सिर्फ तेज होगी, बल्कि पेपरलेस और पारदर्शी भी बनेगी।
वीडियो कॉल से आएगी अदालत की प्रक्रिया में तेजी
अब डॉक्टरों को दूर-दराज से कोर्ट आने की जरूरत नहीं होगी। वे अपने अस्पताल से ही वीडियो कॉल के जरिए अदालत की प्रक्रिया में शामिल हो सकेंगे। इसके साथ ही रायगढ़, जांजगीर-चांपा, कोरबा और बेमेतरा जिला अदालतों में डिजिटाइजेशन और स्कैनिंग सेंटर भी शुरू कर दिए गए हैं। इन सेंटरों के शुरू होने से अब पूरे छत्तीसगढ़ में अदालतों का डिजिटलीकरण पूरा हो गया है, जो न्याय व्यवस्था के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।
देश के अग्रणी राज्यों में अब छत्तीसगढ़ का भी नाम
छत्तीसगढ़ अब ई-कोर्ट मिशन में देश के अग्रणी राज्यों में शामिल हो गया है। खास बात यह है कि अब अदालतों से जारी समन भी ई-समंस के जरिए भेजे जाएंगे। इससे न सिर्फ समय की बचत होगी, बल्कि केस की सुनवाई में बार-बार तारीख टलने की परेशानी भी कम होगी।
खास पहल का किया गया उद्घाटन
बता दें कि कुछ दिन पहले ही छत्तीसगढ़ में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया, जहां रायगढ़, जांजगीर-चांपा, कोरबा और बेमेतरा के जिला एवं सत्र न्यायालयों में डिजिटलीकरण केंद्रों का 25 जून 2025 को वर्चुअल मोड के माध्यम से औपचारिक उद्घाटन किया गया था। इस पहल का उद्देश्य न्यायपालिका की पारदर्शिता और प्रशासनिक दक्षता में प्रगति करना है। इस अवसर की अध्यक्षता चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने की और उनके साथ जस्टिस नरेंद्र कुमार व्यास भी शामिल हुए।