Doctors in India: भारत में 811 लोगों पर है एक डॉक्टर, सरकार उठा रही अहम कदम

नई दिल्ली। देश में डॉक्टरों की उपलब्धता को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यसभा में अहम जानकारी दी है। मंत्रालय के अनुसार एलोपैथिक और आयुष दोनों चिकित्सा प्रणालियों को मिलाकर अनुमानित रूप से देश में 811 लोगों पर एक डॉक्टर मौजूद है। यह अनुपात दिसंबर 2023 में 1:834 था, जो अब घटकर 1:811 हो गया है।

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केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री श्रीप्रताप राव जाधव ने बताया कि देश में इस समय 13,86,150 रजिस्टर्ड एलोपैथिक डॉक्टर हैं, जबकि आयुष मंत्रालय के अनुसार आयुष पद्धति में 7,51,768 डॉक्टर पंजीकृत हैं। मंत्रालय का कहना है कि इन दोनों व्यवस्थाओं में 80% डॉक्टर सक्रिय रूप से उपलब्ध हैं।

राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) के अनुसार जून 2022 तक 13,08,009 एलोपैथिक डॉक्टर NMC और राज्य चिकित्सा परिषदों के साथ रजिस्टर्ड हैं। साथ ही देश में करीब 36.14 लाख नर्सिंगकर्मी मौजूद हैं, जिससे हर 476 नागरिकों पर एक नर्स उपलब्ध है।

सरकार ने डॉक्टरों और मेडिकल प्रोफेशनल्स की कमी को दूर करने के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं। केंद्र सरकार की योजनाओं के अंतर्गत जिला और रेफरल अस्पतालों को अपग्रेड कर नए मेडिकल कॉलेज खोले जा रहे हैं। 157 स्वीकृत मेडिकल कॉलेजों में से 131 पहले से ही कार्यरत हैं।

एमबीबीएस और पीजी सीटों की संख्या बढ़ाने के लिए मौजूदा मेडिकल कॉलेजों का सुदृढ़ीकरण और अपग्रेडेशन किया जा रहा है। प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (PMSSY) के तहत 75 सुपर स्पेशियलिटी प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी गई है, जिनमें से 71 प्रोजेक्ट्स पूरे हो चुके हैं।

इसके अलावा देशभर में 22 नए AIIMS की स्थापना के लिए मंजूरी दी गई है, जिनमें से 19 संस्थानों में अंडरग्रेजुएशन कोर्स भी शुरू हो चुका है। मेडिकल कॉलेजों में फैकल्टी की कमी को पूरा करने के लिए DNB योग्यता को भी फैकल्टी के लिए मान्यता दी गई है और डॉक्टरों की नियुक्ति के लिए अधिकतम आयु सीमा बढ़ाकर 70 वर्ष कर दी गई है।

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