रायबरेली: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स मुंशीगंज में सात साल की बच्ची का अल्ट्रा मिनिमली इनवेसिव पर्क्यूटेनियस नेफ्रोलिथोटॉमी द्वारा गुर्दे की पथरी का ऑपरेशन सफलतापूर्वक हुआ है बच्ची पूरी तरह से स्वस्थ है यह ऑपरेशन सुप्राकोस्टल पंक्चर द्वारा किया गया. एम्स के अपर चिकित्सा अधीक्षक डॉ नीरज कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि यह तकनीक बेहद जटिल मानी जाती है क्योंकि बच्चों में गुर्दे का आकार छोटा, अत्यधिक भ्रमणशील और एवं अधिक रक्तवाहिनियों वाला होता है तथा गुर्दे में रक्तस्राव की सहनशीलता भी कम होती है. ऐसे मामलों में ज़रा सी लापरवाही से आंत को चोट लगना, फेफड़े में पानी भरना, अत्यधिक रक्तस्राव और संक्रमण जैसी गंभीर जटिलताएँ हो सकती हैं.
उन्होंने बताया कि बच्ची को बीते एक वर्ष से पेशाब में ख़ून आना, तेज़ कमर दर्द और बार-बार बुखार की शिकायत हो रही थी. उसने कई अस्पतालों में इलाज कराया लेकिन आराम नहीं मिला. सब जगह से निराश होकर उसने एम्स के यूरोलॉजी ओपीडी में डॉ अमित मिश्रा को दिखाया जांच करने पर अल्ट्रासाउंड और सीटी स्कैन में दाहिने गुर्दे में करीब 16 मिमी की पथरी पाई गई.
पहले चरण में बच्ची का डीजे स्टेंट डाला गया और फिर दूसरे चरण में 9 सितम्बर को ऑपरेशन किया गया. ऑपरेशन पूरी तरह सफल रहा और बिना किसी समस्या के गुर्दे की पथरी पूरी तरह निकाल दी गई. यूरोलॉजिस्ट सर्जन डॉ. अमित मिश्रा, रेज़िडेंट डॉ. अशेष्ता शर्मा, डॉ. उत्सव की टीम ने सर्जरी को सफलतापूर्वक पूरा किया. एनेस्थीसिया विभाग के डॉ. कालीचरण, डॉ. प्रवीन, डॉ. हर्षिता, डॉ. अपेक्षा व ओटी नर्सिंग स्टाफ एवं तकनीशियन जयपाल, बीना, लक्ष्मी एस शामिल थे.
बच्ची की ऑपरेशन पूर्व और पश्चात देखभाल में यूरोलॉजी वार्ड में तैनात वरिष्ठ नर्सिंग अधिकारी नम्रता, सुमंत, एकता और नर्सिंग अधिकारियों की टीम में निधि, अनामिका, सपना, आमिशा, वंशिता, नलेश, चेतना, आरती, विमला, शिवानी का विशेष योगदान रहा. वर्तमान में बच्ची पूरी तरह स्वस्थ है और जल्द ही अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी। बच्ची के माता-पिता ने एम्स हॉस्पिटल की टीम का इतना जटिल ऑपरेशन इतनी आसानी से करने के लिए आभार व्यक्त किया . उनका कहना है बीमारी की वजह से बच्ची की पढाई में जो रूकावट आती थी अब वह हट गयी है एवं बच्ची सकुशल अपनी पढाई पुनः प्रारंभ कर सकेगी .
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