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डॉक्टरों ने मौत के करीब पहुंची महिला को लगाई सूअर की किडनी, दिल और गुर्दा दोनों हो गया था फेल

अभी कुछ दिन पहले ही अमेरिका में एक पुरुष में सूअर की किडनी लगाई गई थी। अब एक 54 साल की अमेरिकी महिला में भी सूअर की किडनी और हार्ट डिवाइस को एक साथ लगाकर मेडिकल क्षेत्र में करिश्मा किया गया है। अमेरिका के न्यूजर्सी की रहने वाली 54 साल की लिजा पिसानो लगभग मौत के करीब थी और उन्हें दो-दो दुर्लभ बीमारियां थीं। उनकी किडनी और हार्ट दोनों फेल हो चुका था। लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मौत के मुंह से छीन लाया। यह दुनिया का अपने तरह का पहला ऑपरेशन था जिसमें किसी को सूअर की किडनी और हार्ट डिवाइस एक साथ लगाया गया है। महिला को नया जीवन मिल गया है। महिला अब स्वस्थ्य है।

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महिला ने चलना शुरू किया
डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक 54 साल की लिजा पिसानो बेहद गंभीर बीमारी से जूझ रही थी। उसका किडनी और हार्ट दोनों फेल हो गया था। परंपरागत रूप से जो किडनी लगाई जाती है, उससे महिला का बचना मुश्किल था, इसलिए उसमें सूअर की किडनी को प्रत्यारोपित किया गया। महिला लंबे समय से किडनी ट्रांसप्लांट कराना चाहती थी लेकिन किसी इंसान की किडनी उसे मिल नहीं रही थी। इस बीच उसकी किडनी और हार्ट दोनों फेल हो गए। डॉक्टरों ने कहा है कि उसकी नई किडनी पूरी तरह हेल्दी है और किडनी ने यूरिन बनाना भी शुरू कर दिया है। इतना ही नहीं मरीज लिजा पिसानो अब चलने भी लगी है। कुछ दिन पहले तक ऐसा करना बिल्कुल असंभव था। पिसानो सूअर से किडनी ट्रांसप्लांट कराने वाले दूसरे इंसान हैं। इससे पहले बोस्टन में ही एक पुरुष में सूअर की किडनी लगाई गई थी।

वैज्ञानिक जगत की महान उपलब्धि
पिसानो ने किडनी ट्रांसप्लांट के बाद कहा, “मैं अपनी जिंदगी से हार मान चुकी थी, मुझे इसकी कोई उम्मीद नहीं थी लेकिन मुझे एक चांस मिल गया है। अगर मुझे यह चांस नहीं मिलता तो यह किसी और को मिल जाता है. यह मेरे लिए अद्भुत है।” इस महिला में किडनी ट्रांसप्लांट न्यूयॉर्क के एनवाईयू लेंगोन हेल्थ ट्रांसप्लांट सेंटर में हुआ है। एनवाईयू लेनगोन हेल्थ ट्रांसप्लांट इंस्टीट्यूट के डॉ. रोबर्ट मोंटेगोमेरी ने बतााय कि यह हमारी वैज्ञानिक उपलब्धि की महानता है कि हमने लिजा को नई जिंदगी दी है। सबसे बड़ी बात यह है कि हम इस उपलब्धि से समाज में कई जरूरतमंद व्यक्तियों की मदद कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इसमें हमारे डॉक्टरों, शोधकर्ताओं और नर्सों और प्रशाशन की कठिन मेहनत थी। इन सबके बिना यह काम पूरा नहीं होता।

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