अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी का टैक्स छूट (Tax Exempt) का दर्जा समाप्त कर दिया है. ट्रंप ने शुक्रवार को एक सोशल मीडिया पोस्ट में इसकी घोषणा की. उनका यह कदम हार्वर्ड जैसी प्रतिष्ठित संस्था पर सरकार की कड़ी निगरानी और नीतिगत बदलावों की ओर इशारा कर सकता है.
ट्रंप ने लिखा, ‘वो इसी लायक हैं’
डोनाल्ड ट्रंप ने 2 मई 2025 को ऐलान किया कि उनका प्रशासन हार्वर्ड यूनिवर्सिटी का टैक्स-छूट (Tax-Exempt) का दर्जा समाप्त करने जा रहा है. उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर पोस्ट करते हुए कहा, ‘हम हार्वर्ड का टैक्स-छूट दर्जा समाप्त करने जा रहे हैं. वो इसी लायक हैं.’
इस कदम को हार्वर्ड और ट्रंप प्रशासन के बीच चल रहे विवादों से जोड़कर देखा जा रहा है. पिछले कुछ समय से ट्रंप प्रशासन ने हार्वर्ड पर विविधता, समानता और समावेशन (DEI) पहलों को लेकर दबाव बनाया है, जिन्हें प्रशासन नस्लीय भेदभाव के रूप में देखता है. इसके अलावा, प्रशासन ने हार्वर्ड पर अंतरराष्ट्रीय छात्रों की मेजबानी की क्षमता को भी चुनौती दी है
ट्रंप ने रोक दी थी 2.2 बिलियन डॉलर की फंडिंग
हार्वर्ड ने इन मांगों का विरोध करते हुए अपनी स्वतंत्रता और संवैधानिक अधिकारों की रक्षा का संकल्प लिया है. यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष एलन गार्बर ने कहा, ‘विश्वविद्यालय अपनी स्वतंत्रता या संवैधानिक अधिकारों को नहीं छोड़ेगा.’ इस विवाद के चलते, ट्रंप प्रशासन ने हार्वर्ड के लिए 2.2 बिलियन डॉलर से अधिक की संघीय फंडिंग को भी फ्रीज कर दिया है.
यह कदम अमेरिकी उच्च शिक्षा प्रणाली में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है, क्योंकि यह पहली बार है जब किसी प्रमुख विश्वविद्यालय का टैक्स-छूट दर्जा समाप्त करने की बात की गई है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह निर्णय अन्य विश्वविद्यालयों और गैर-लाभकारी संस्थाओं के लिए भी एक उदाहरण स्थापित कर सकता है.