डोंगरगढ़ :सुदर्शन पहाड़ी मे बीते कुछ दिनों से क्षेत्रीय चर्चा का केंद्र बनी रही। वजह थी एक तेंदुआ, जो न जाने कहाँ से आकर पहाड़ी की चोटी पर आ डटा था. लगातार पांच दिनों तक वह दिखाई देता रहा, सोशल मीडिया पर उसकी तस्वीरें और वीडियो वायरल होते रहे, और वन विभाग की टीम लगातार उसे पकड़ने की कोशिशों में लगी रही.आखिरकार बुधवार देर रात तेंदुए का सफल रेस्क्यू कर लिया गया, जिसके बाद अब शहर पूरी तरह से सुरक्षित है.
डोंगरगढ़ शहर से सटे सुदर्शन पहाड़ पर पांच दिन पहले अचानक एक तेंदुए के दिखाई देने से हड़कंप मच गया.यह इलाका न सिर्फ शासकीय कर्मचारियों के क्वार्टरों से घिरा है, बल्कि आसपास कई रिहायशी कॉलोनियां भी स्थित हैं.ऐसे में तेंदुए की मौजूदगी ने लोगों की चिंता बढ़ा दी। सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम सक्रिय हुई और ऑपरेशन शुरू किया गया.
बीते चार रातों तक पहाड़ी पर एक विशेष पिंजरा लगाया जाता रहा, जिसमें एक जीवित मेमना बाँधा जाता, ताकि तेंदुआ उसे देखकर पिंजरे में घुस जाए.तीन शिफ्टों में विभागीय कर्मी पहाड़ी पर लगातार निगरानी करते रहे कड़ी धूप हो या सुनसान रात, सभी की निगाहें उस एक तेंदुए पर टिकी थीं.
हालांकि तेंदुआ बेहद चालाक निकला। वह हर बार पिंजरे के पास आता, मेमने को सूंघता और आगे बढ़ जाता, मानो वह जानबूझकर रेस्क्यू टीम की परीक्षा ले रहा हो.पांच दिन गुजर गए, पिंजरा हर सुबह खाली मिलता, मेमना सहमा रहता और वनकर्मी थकते चले गए, लेकिन तेंदुआ अपनी मर्जी से पहाड़ पर घूमता रहा.
आख़िरकार बुधवार की रात करीब 11 बजे तेंदुआ फिर पिंजरे के पास आया.इस बार वह भीतर चला गया, और टीम ने तुरंत हरकत में आते हुए उसे सुरक्षित रूप से काबू में ले लिया. इसके कुछ ही घंटों बाद उसे जंगल में छोड़ दिया गया.
इस सफल रेस्क्यू ऑपरेशन के साथ ही डोंगरगढ़ शहर ने राहत की सांस ली है.वन विभाग की सतर्कता और निरंतर प्रयासों से यह चुनौतीपूर्ण अभियान बिना किसी नुकसान के पूरा किया जा सका.