डोंगरगढ़ : जंगल में ‘मनी कंचन’ का काला सच! कचरा डंपिंग से पर्यावरण संकट मे

डोंगरगढ़ : एक तरफ केंद्र एवं राज्य सरकार के द्वारा तमाम योजनाओं का संचालन कर स्वच्छता एवं वन्य जीव संरक्षण के लिए करोड़ों रुपए खर्च किए जाते हैं तो वही धरातल पर स्थिति इसके विपरीत दिखाई पड़ती है.

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पूरा मामला राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ ब्लॉक का है जहां शहर के सरस्वती शिशु मंदिर से होकर ग्राम बछेराभाठा जाने वाले मार्ग से लगे जंगल के किनारे खुले में कचरा का अंबार लगा हुआ है. बात की जाए इस कचरे की तो यह कोई आम कचरा नहीं बल्कि इसमें पॉलीथिन, झिल्ली,मेडिकल वेस्ट और खतरनाक अपशिष्ट शामिल है.

दरअसल यहां एक मनी कंचन केंद्र स्थापित है जहां पूरे शहर के अलग अलग कोने से कचरा इक्कठा कर लाया जाता है और बिना किसी उचित व्यवस्थापन के इसे यहां डंप किया जा रहा है जिसके चलते शहर का कचरा अब जंगलों में कई किलोमीटर तक फैल चुका है. दिन चढ़ते ही इन कचरो के ढेर पर आवारा मवेशीयो की भीड़ लग जाती है और रात होते ही जंगली जानवर इन जहरीले कचरो को भोजन समझ कर खाने पहुंचते हैं.

फिर भी ना तो स्थानीय नगर पालिका को और ना ही वन विभाग को मानो इससे कोई फर्क पड़ रहा हो जिसका नतीजा यह हो रहा है कि पर्यावरण बर्बादी के कागार पर पहुंच गया है. जहां एक तरफ सरकार हर मंच से हरे भरे जंगलों को बचाने की बात करती है तो वही उनके नुमाइंदे चुपचाप पर्यावरण हत्या में भागीदार बन रहे हैं ऐसे में प्रश्न यह उठता है कि डोंगरगढ़ के पर्यावरण की सुध आखिर लगा कौन ?

 

बहरहाल जब पूरे मामले को लेकर डोंगरगढ़ एसडीएम मनोज मरकाम से बातचीत की गई तो उन्होंने जल्द ही कार्यवाही करने का आश्वाशन देते हुए नगर पालिका और वन विभाग की लापरवाही में जल्द सुधार लाने की बात भी कही है.

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