पाकिस्तान फिलहाल कितने ही बड़े आर्थिक संकट से गुजर रहा हो लेकिन इस बीच उसके लिए एक अच्छी खबर आई है. पाकिस्तान में गधों की आबादी में जबरदस्त इजाफा हुआ है. इसका खुलासा पाकिस्तान आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 में हुआ है जो पाकिस्तान के वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब ने पेश किया. रिपोर्ट के मुताबिक चालु वित्त वर्ष के दौरान गधों की आबादी 59 लाख तक बढ़ गई है.
हर साल इनकी आबादी 100,000 से अधिक की वृद्धि हो रही है. 2019-20 के दौरान पाकिस्तान में गधों की कुल संख्या 55 लाख थी, जो 2020-21 में 56 लाख, 2021-22 में 57 लाख, 2022-23 में 58 लाख और अब 2023-24 के दौरान 59 लाख तक पहुंच गई. गधों की आबादी देश की ग्रामीण आबादी से सीधे तौर पर जुड़ी हुई है और पाकिस्तान सरकार ने भी निवेश और विकास पर ध्यान केंद्रित किया.
भेड़ बकरियों की आबादी भी बढ़ी
औरंगजेब ने रिपोर्ट के हवाले से अन्य पशुधन की आबादी पर भी डेटा का खुलासा किया, जो कृषि क्षेत्र का कम से कम 60.84 प्रतिशत है. देश में मवेशियों की आबादी बढ़कर 5.75 करोड़, भेड़ की आबादी 3.27 करोड़, बकरियों की 8.7 करोड़ और भैंस की आबादी कम से कम 4.6 करोड़ हो गई. वित्त मंत्री ने कहा कि यह क्षेत्र परिवारों की कुल आय का लगभग 35 प्रतिशत से 40 प्रतिशत हिस्सा लेकर उनकी आजीविका में महत्वपूर्ण योगदान देता है.
पाक की अर्थव्यवस्था पशुधन पर निर्भर
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में पशुधन का बहुत बड़ा योगदान है. ग्रामीण क्षेत्रों में 80 लाख से अधिक परिवार पशुधन उत्पादन में गहराई से लीन हैं. इन परिवारों के लिए पशुधन ही उनकी जीवन रेखा है. रिपोर्ट के मुताबिक इन परिवारों को करीब 35 से 40 फीसदी आर्थिक मदद पशुधन से ही मिलती है.
पाकिस्तान के लिए पशुधन उत्पादन का सकारात्मक पहलू यह है कि पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान इसमें कम से कम 3.70 प्रतिशत की वृद्धि हुई और 2023-24 के दौरान कम से कम 3.89 प्रतिशत की सकारात्मक वृद्धि देखी गई है.
ऐसे समय में जब देश का आर्थिक संकट विकराल हो चुका है, इससे उबरने के कोई संकेत नहीं दिखते पशुधन उत्पादन क्षेत्र ने निश्चित रूप से अपनी स्थिति मजबूत की है और चालू वित्त वर्ष के दौरान देश की कृषि वृद्धि के पीछे प्राथमिक शक्ति के रूप में सामने आया है.