उदयपुर : संभाग की आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने आज अपनी एक साथी की कथित आत्महत्या के विरोध में प्रदर्शन किया और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की. कार्यकर्ताओं का कहना है कि उनकी साथी पिछले 30-35 सालों से आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के रूप में सेवाएं दे रही थीं, लेकिन सरकारी उपेक्षा और प्रताड़ना के कारण उन्हें आत्महत्या जैसा कदम उठाने पर मजबूर होना पड़ा.
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— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रही उदयपुर संभाग की आंगनवाड़ी अध्यक्ष मुन्ना कुंवर ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि यह अत्यंत दुखद है कि भाजपा सरकार में महिलाओं को आत्महत्या के लिए मजबूर किया जा रहा है.उन्होंने सवाल उठाया कि सरकार एक तरफ भ्रष्टाचार मिटाने की बात करती है, लेकिन दूसरी तरफ आंगनवाड़ी जैसी महिला कार्यकर्ताओं को ऐसी परिस्थितियों में ढकेल दिया जाता है.
मुन्ना कुंवर ने आरोप लगाया कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को घर-घर जाकर फेस कैप्चर करने के लिए मजबूर किया जाता है और इस दौरान उनके साथ मारपीट जैसी घटनाएं भी होती हैं.उन्होंने सरकार को “गूंगी बहरी” बताते हुए कहा कि सरकार महिला हित की बात तो करती है, लेकिन असल में महिलाओं को मरने पर मजबूर कर रही है.
उन्होंने आगे कहा कि अगर सरकार आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए कुछ नहीं कर सकती और उनका मानदेय नहीं बढ़ा सकती, तो पूरे देश में आंगनवाड़ी केंद्रों को बंद कर देना चाहिए। उन्होंने भावुक होकर कहा, “हम नहीं चाहते कि हमारी बहनों की जान जाए.हम तो यही चाहते हैं कि मोदी सरकार से मैं हाथ जोड़कर रिक्वेस्ट करना चाहती हूं कि आप आंगनवाड़ी बंद कर दो, आप यह प्रोजेक्ट ही बंद कर दो। हम तो कहीं से भी कमा के खा लेंगे, नहीं खा लेंगे तो हम सभी बहनें बैठ के जहर की शीशी लाकर हम सभी आत्महत्या कर लेंगे, लेकिन ऐसे हमें मजबूर मत करो मरने पर. ”
आज के प्रदर्शन में कार्यकर्ताओं ने दोषियों को सख्त से सख्त सजा देने और उन्हें फांसी दिए जाने की मांग करते हुए ज्ञापन सौंपा.उन्होंने कहा कि उन्हें कोई और न्याय नहीं चाहिए, सिर्फ जान के बदले जान चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि इस मामले में दो लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है, लेकिन अन्य दोषियों की गिरफ्तारी अभी बाकी है.उनका यह भी आरोप था कि सबूत के तौर पर उनसे पैसे का लेनदेन करवाया जाता है और फोन बाहर रखवा दिए जाते हैं, जिससे सुपरवाइजर और सीडीपीओ दूर रहती हैं.