जहां मुसलमान बहुसंख्यक, वहां मत जाइए… आखिर क्यों बंगालियों को कश्मीर जाने से रोक रहे BJP नेता सुवेन्दु अधिकारी

पहलगाम हमले का मुद्दा एक बार फिर चर्चा में आ गया है. जम्मू-कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला द्वारा पश्चिम बंगाल के लोगों को जम्मू-कश्मीर आने का न्योता दिए जाने पर पश्चिम बंगाल के नेता प्रतिपक्ष और बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि कोई भी बंगाली कश्मीर नहीं जाएगा. अगर जाना ही है तो जम्मू जाइए. उन्होंने कहा कि मुस्लिम बहुल इलाकों में जाने से बचें.

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दरअसल, जम्मू-कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला बंगाल के दौरे पर हैं. उन्होंने गुरुवार को पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी से मुलाकात की. इस मुलाकात के दौरान उन्होंने ममता बनर्जी का आभार प्रकट किया. अबदुल्ला ने ममता बनर्जी और बंगाल की जनता को जम्मू-कश्मीर आने का निमंत्रण भी दिया.

जम्मू-कश्मीर की जगह हिमाचल या उत्तराखंड जाएं

बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि मैं बंगाल की जनता से कहना चाहता हूं कि कोई भी बंगाली कश्मीर न जाएं. उन्होंने कहा कि अगर आप जम्मू-कश्मीर जा रहे हैं, तो जम्मू जाइए. उन जगहों पर न जाएं जहां मुस्लिम आबादी अधिक है. अधिकारी ने कहा कि आप उत्तराखंड जाएं जो हमारी देवभूमि है. हिमाचल प्रदेश और ओडिशा जाएं. कुछ जगहों को छोड़कर हमें देश के सभी हिस्सों का दौरा करना चाहिए.

मुस्लिम बहुल इलाकों में जाने से बचें

अधिकारी ने बंगाल के लोगों को चेतावनी देते हुए कहा कि वे ऐसी जगह पर न जाएं जहां मुस्लिम आबादी अधिक हो. उन्होंने पहलगाम हमले का जिक्र करते हुए कहा कि हत्या करने से पहले शरीर के अंगों और सिंदूर की जांच की गई थी. इसके आगे उन्होंने कहा कि पहलगाम हमले में मारे गए कैप्टन की पत्नी हिमांशी नरवाल का दुख किसी से देखा नहीं जा रहा था. आपकी जान आपकी प्राथमिकता है. अगर अपने परिवार को सुरक्षित रखना है तो कश्मीर जैसे मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में जाने से बचें.

 

ममता बनर्जी ने स्वीकार किया न्योता

बंगाल सीएम ममता बनर्जी ने उमर अब्दुल्ला की तरफ से दिए गए न्योते को स्वीकार कर लिया. उन्होंने बंगाल की जनता से भी कश्मीर जाने की बात कही. सीएम ने सुरक्षा को लेकर लोगों से कहा कि इसकी जिम्मेदारी जम्मू-कश्मीर की सरकार और केंद्र सरकार की है. बंगाल सीएम ने बताया की वह दुर्गा पूजा के आस-पास कश्मीर जाएंगी.

दरअसल, 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए घातक आतंकवादी हमले ने लोगों को अंदर से झकझोर के रख दिया. इस हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी. आतंकवादियों ने धर्म पूछकर लोगों पर गोली चलाई. जिस भी व्यक्ति पर उन्हें शक था, उनसे कलमा भी पढ़वाया गया. इस हमले के बाद लोगों के अंदर डर था कि कहीं सांप्रदायिक हिंसा न भड़क जाए. इस हमले का जवाब देने के लिए भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया, जिसमें पाकिस्तान के कई आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाकर उन्हें ध्वस्त कर दिया गया.

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