‘कांवड लेकर मत जाना, ज्ञान का दीप जलाना…’ बरेली में बच्चों को कविता सुनाने वाले शिक्षक को ABVP ने अध्यक्ष पद से हटाया

यूपी के बरेली जिले में कावड़ यात्रा को लेकर एक कविता सुनाना एमजीएम इंटर कॉलेज में तैनात शिक्षक और कवि डॉ. रजनीश गंगवार को भारी पड़ गया. पहले FIR दर्ज हुई और अब अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने उन्हें नगर अध्यक्ष पद से हटाते हुए संगठन से बाहर कर दिया है. संगठन ने फैसला उस वायरल वीडियो के बाद लिया जिसमें डॉ. गंगवार ने छात्रों को एक असेंबली के दौरान ‘कांवड़ लेकर मत जाना, ज्ञान का दीप जलाना…’ कविता सुनाई थी.

Advertisement

डॉ. गंगवार शिक्षक और कवि होने के साथ-साथ कई सामाजिक अभियानों से भी जुड़े रहे, लेकिन अब विवादों में घिर चुके हैं. सोशल मीडिया पर जैसे ही उनका वीडियो वायरल हुआ, वैसे ही संगठन और स्थानीय स्तर पर विरोध के स्वर मुखर हो गए. ABVP के राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य और पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. भूपेंद्र सिंह ने जानकारी दी कि संगठन के प्रदेश अध्यक्ष के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई है. संगठन की ओर से स्पष्ट किया गया कि यह निर्णय संघटन की मर्यादा और सिद्धांतों की रक्षा के लिए आवश्यक था.

ऐसे शुरू हुआ विवाद

एमजीएम इंटर कॉलेज में प्रातःकालीन प्रार्थना सभा के दौरान डॉ. गंगवार ने छात्रों को संबोधित करते हुए कविता में कहा था ‘कांवड़ लेकर मत जाना ज्ञान का दीप जलाना,मानवता की सेवा करके तुम सच्चे मानव बन जाना’ इस कविता के सामने आने के बाद स्थानीय हिंदू संगठनों ने इसका विरोध करते हुए शिक्षक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई. इसके तुरंत बाद डॉ. गंगवार का एक और वीडियो सामने आया जिसमें उन्होंने खुद को ABVP का नगर अध्यक्ष बताते हुए, यह दावा किया कि उन्होंने किसी की धार्मिक भावना को आहत नहीं किया, बल्कि छात्रों को शिक्षा और मानव सेवा की प्रेरणा देने का प्रयास किया.

संगठन से निष्कासन और नई नियुक्ति

ABVP ने तत्काल प्रभाव से डॉ. रजनीश गंगवार को नगर अध्यक्ष पद से हटाने की घोषणा की और उनकी जगह डॉ. हरिनंदन कुशवाह को नया नगर अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. संगठन की ओर से जारी बयान में यह भी कहा गया कि विषय की गहराई से विभागीय समीक्षा की जा रही है और जो भी संगठन की विचारधारा से भटकता है, उसके लिए ABVP में कोई स्थान नहीं है.

वीडियो जारी कर रखी अपनी बात

डॉ. गंगवार ने एक वीडियो बयान जारी करते हुए कहा कि उनका उद्देश्य किसी धार्मिक प्रतीक का अपमान करना नहीं था. उन्होंने खुद को स्वच्छ भारत मिशन का ब्रांड एंबेसडर, एनएसएस के नोडल अधिकारी और कॉलेज में कार्यक्रम अधिकारी बताया. उनका कहना था कि उन्होंने सिर्फ यह संदेश देना चाहा कि बच्चे शिक्षा के महत्व को समझें और सेवा भाव को अपनाएं. उन्होंने यह भी कहा कि , राजभर मंत्री द्वारा भी इसी विषय पर विचार व्यक्त किए गए थे, लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई.

Advertisements