श्रीलंका के एक सांसद हर्षा दी सिल्वा ने श्रीलंकाई संसद में अमेरिका और भारत के बीच जारी तनाव और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर भारत पर लगाए 50 परसेंट टैरिफ को लेकर सोमवार (11 अगस्त, 2025) को बयान दिया है. श्रीलंकाई सांसद ने अपने देश की संसद से आग्रह किया है कि वह भारत पर अमेरिकी शुल्कों के प्रभाव को हल्के में न लें और उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत ही एकमात्र देश है, जिसने सबसे खराब आर्थिक संकट के दौरान श्रीलंका को महत्वपूर्ण सहायता प्रदान की
सांसद हर्षा डी सिल्वा ने श्रीलंकाई संसद में क्या कहा?
हर्षा डी सिल्वा ने संसद में अपने विचार रखते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अनुचित और चयनात्मक व्यापार उपायों के प्रति भारत के विरोध का बचाव किया. डेली मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने कहा, “भारत पर मत हंसो. जब वे नीचे हों तो उनका मजाक मत उड़ाओ, क्योंकि जब हम नीचे थे तो वे ही अकेले थे, जिन्होंने हमारी मदद की थी.” सांसद ने कहा, “खेल अभी खत्म नहीं हुआ है. हमने आपको हंसते हुए देखा. हंसो मत. भारत को उम्मीद थी कि शुल्क 15 फीसदी तक कम होंगे और हमें भी यही उम्मीद थी.”
श्रीलंका की साल 2022 में वित्तीय स्थिति बहुत ज्यादा खराब हो गई थी, इस कारण ईंधन स्टेशन सूख गए, खाद्यान्न और दवाओं की आपूर्ति कम हो गई और विदेशी भंडार समाप्त हो गया था. तब भारत कोलंबो का सबसे बड़ा समर्थक बनकर उभरा, जिसने चार अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक की ऋण सुविधा, मुद्रा विनिमय और ऋण भुगतान को स्थगित करने के साथ-साथ मानवीय सहायता की कई खेपें भी उपलब्ध कराईं.
अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारत पर लगाया 50 परसेंट टैरिफ
वहीं, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार (6 अगस्त, 2025) को भारत की ओर से रूसी तेल के निरंतर आयात के कारण भारतीय वस्तुओं पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगा दिया, जिसके बाद भारत पर अमेरिका की ओर से लगाया गया कुल टैरिफ 50 परसेंट हो गया है.