पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था. इस आतंकी हमले ने न सिर्फ आम लोगों को बल्कि सीमा सुरक्षा बल (BSF) की महिला सैनिकों को भी गुस्से से भर दिया. राजस्थान की सीमा पर तैनात इन सैनिकों ने पाकिस्तान की हरकतों का मुंहतोड़ जवाब दिया और ऑपरेशन सिंदूर के जरिए दुश्मन को सबक सिखाया.
महिला सैनिकों का जज्बा
सैनिक सरिता ने बताया कि हमले के बाद उन्हें पुरुष सैनिकों के साथ तुरंत सीमा पर तैनात किया गया. उन्होंने कहा ‘यहां ड्रोन उड़े, संदिग्ध गतिविधियों दिखीं, लेकिन हमने दुश्मन की हर कोशिश को नाकाम कर दिया. दिन हो या रात, हम ड्यूटी पर डटे रहे.’
वहीं सैनिक सोनल ने भावुक होते हुए कहा ‘पहलगाम हमले में कई महिलाओं के पति शहीद हुए. यह हमारे सिंदूर पर हमला था. पाकिस्तान की ऐसी हरकतें पुरानी हैं, लेकिन अब हम हर पल तैयार और सतर्क हैं. पाकिस्तान की हर साजिश को हमने नाकाम किया और आगे भी करेंगे.’
ऑपरेशन सिंदूर की गूंज
22 अप्रैल को पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने 7 मई की रात ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया. इस ऑपरेशन में पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया. जवाब में पाकिस्तान ने जैसलमेर, बाड़मेर और अन्य सीमावर्ती इलाकों में हमले की कोशिश की, लेकिन बीएसएफ ने उनकी हर साजिश को नाकाम कर दिया.
सीमा पर बीएसएफ की तैयारी
राजस्थान के श्रीगंगानगर, बीकानेर, जैसलमेर और बाड़मेर की 1,070 किलोमीटर लंबी सीमा पर बीएसएफ के जवान भीषण गर्मी में भी डटकर मुकाबला कर रहे हैं. बीएसएफ के एक अधिकारी ने बताया कि ‘रेगिस्तान में तापमान 50 डिग्री सेल्सियस से ऊपर चला जाता है. फिर भी हमारे जवान सतर्क है. जवानों के लिए वाटर कूलर, नींबू पानी और छाछ की व्यवस्था की गई है, ताकि उनके शरीर में पानी की कमी न हो.’
महिलाओं का अदम्य साहस
बीएसएफ की महिला सैनिकों ने अपने पराक्रम से न सिर्फ सीमा पर साहस दिखाया, बल्कि देश को गर्व करने का मौका भी दिया है. उनकी बहादुरी और समर्पण ने साबित कर कि भारत की सेना किसी भी चुनौती से निपटने के लिए तैयार है.