डिजिटल अरेस्ट के ताजा मामले में साइबर ठगों ने 68 साल की एक महिला से 1.25 करोड़ रुपये की ठगी कर ली. पुलिस ने मंगलवार को ये जानकरी दी है. ठगों ने महिला पर मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल होने का आरोप लगाकर उनपर पैसे देने के लिए दबाव डाला. पीड़िता महाराष्ट्र के गोरेगांव शहर की रहने वाली है और अपने पति के साथ रहती है.
एक अधिकारी ने बताया कि नवंबर में अपराध शाखा के साइबर पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई उनकी शिकायत में, उन्हें एक अज्ञात महिला का फोन आया, जिसने खुद को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की एक कर्मचारी के रूप में पेश किया.
उसने पीड़िता को क्रेडिट कार्ड का बकाया नहीं चुकाने पर मामला दर्ज कराने की धमकी दी और हैदराबाद पुलिस से बात करने को कहा. इसके बाद कॉल करने वाले ने अपना नंबर दूसरे व्यक्ति को ट्रांसफर कर दिया, जिसने खुद को एक पुलिस अधिकारी बताया.
उस व्यक्ति ने दावा किया कि उसके क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल हैदराबाद में 500 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंह में किया गया था और उसके खाते में 20 लाख रुपये जमा किए गए थे. उन्होंने कहा, तब उस व्यक्ति ने उसे बताया कि वह एक सीबीआई अधिकारी को कॉल ट्रांसफर कर रहा है, जिसने पीड़ित महिला को वीडियो कॉल किया और उसे गिरफ्तार करने की धमकी दी.
जालसाजों ने पीड़िता को अपनी गिरफ्तारी के बारे में किसी को न बताने अपने घर पर ही रहने के लिए कहा. उन्होंने कहा कि उन्हें अपने पति सहित किसी भी रिश्तेदार को सूचित न करने के लिए कहा गया. ठगों ने उससे कहा कि अगर वह खुद को गिरफ्तार होने से बचाना चाहती है, तो उसे दिए गए बैंक खातों में पैसे जमा करने होंगे, जिसके बाद महिला ने एक महीने में लगभग 1.25 रुपये जमा किए.
हालांकि, बाद में पीड़िता को अखबार में डिजिटल गिरफ्तारी के बारे में एक खबर मिली, जिसके बाद उसे एहसास हुआ कि साइबर जालसाजों ने उसके साथ भी धोखाधड़ी की है.उन्होंने तुरंत पुलिस से संपर्क किया, जिसने अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया. उन्होंने कहा कि मामले की जांच जारी है.