डॉ. हेडगेवार जन्मजात देशभक्त थे…’ मोहन भागवत ने बताया RSS संस्थापक का आजादी में योगदान

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने के अवसर पर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार को याद किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि डॉ. हेडगेवार जन्मजात देशभक्त थे और उनका जीवन पूरी तरह राष्ट्र को समर्पित था। भागवत ने कहा कि आजादी की लड़ाई में हेडगेवार ने सक्रिय भूमिका निभाई और राष्ट्रीय चेतना जगाने में अहम योगदान दिया।

कार्यक्रम में बोलते हुए मोहन भागवत ने बताया कि डॉ. हेडगेवार का जीवन त्याग, सेवा और अनुशासन का प्रतीक था। वे स्वतंत्रता आंदोलन में जेल गए और कांग्रेस के सक्रिय कार्यकर्ता भी रहे। लेकिन बाद में उन्होंने महसूस किया कि देश को केवल राजनीतिक आजादी ही नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक एकता की भी आवश्यकता है। इसी सोच से 1925 में RSS की स्थापना हुई।

भागवत ने कहा कि डॉ. हेडगेवार ने युवाओं को संगठित करने और उनमें राष्ट्रभक्ति की भावना भरने का कार्य किया। उनका मानना था कि संगठित समाज ही मजबूत राष्ट्र की नींव रख सकता है। यही कारण है कि उन्होंने संघ की शाखाओं के माध्यम से अनुशासन, एकता और सेवा का भाव फैलाने का काम किया।

संघ प्रमुख ने यह भी बताया कि हेडगेवार ने हमेशा भारत की स्वतंत्रता को सर्वोच्च लक्ष्य माना। वे चाहते थे कि हर नागरिक अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को समझे। उनका सपना था कि स्वतंत्र भारत आत्मनिर्भर और सांस्कृतिक मूल्यों पर आधारित हो।

मोहन भागवत ने कहा कि आज 100 साल बाद भी संघ उसी मार्ग पर चल रहा है, जिसका बीजारोपण डॉ. हेडगेवार ने किया था। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाएं और समाज के अंतिम व्यक्ति तक सेवा की भावना पहुंचाएं।

इस कार्यक्रम में संघ से जुड़े कई वरिष्ठ पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद रहे। आयोजन के दौरान डॉ. हेडगेवार के जीवन और कार्यों पर आधारित प्रदर्शनी भी लगाई गई, जिसे लोगों ने काफी सराहा।

इस मौके पर भागवत के संबोधन ने एक बार फिर यह संदेश दिया कि RSS केवल एक संगठन नहीं, बल्कि राष्ट्र सेवा का माध्यम है, जो डॉ. हेडगेवार की सोच से प्रेरित होकर काम कर रहा है।

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