दमोह : छत्तीसगढ़ के फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट नरेंद्र विक्रमादित्य यादव को पुलिस की टीम दमोह जेल से प्रोडक्शन वारंट पर बिलासपुर लेकर गई है दमोह में 7 मरीजों की जान लेने वाले डॉक्टर के इलाज से छत्तीसगढ़ विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष पं राजेंद्र प्रसाद शुक्ल की भी मौत हुई थी.
नरेंद्र विक्रमादित्य अपोलो अस्पताल में भी पदस्थ रहे। इस दौरान उनके गलत इलाज से कई मरीजों की जान चली गई. वारंट पर लाई पुलिस पूछताछ कर इसकी जानकारी जुटाएगी. बता दें कि जांच में डॉक्टर की DM कार्डियोलॉजी की डिग्री फर्जी पाई गई थी.
पुलिस के मुताबिक फर्जी डॉक्टर से पूछताछ के बाद अपोलो अस्पताल प्रबंधन के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी और तुरंत गिरफ्तारी होगी.वहीं, आज जिला कांग्रेस कमेटी इसे लेकर अपोलो अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ न्याय यात्रा निकालेगी.
मरीज की मौत के बाद अस्पताल प्रबंधन का गोलमोल जवाब
दरअसल दमोह के मिशन अस्पताल में 7 हृदय रोगियों की मौत का मामला सामने आने के बाद फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर एन जॉन केम उर्फ विक्रमादित्य यादव का कारनामा उजागर हुआ.छत्तीसगढ़ विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष पं राजेंद्र प्रसाद शुक्ल के पुत्र डॉ प्रदीप शुक्ल ने उसके और अपोलो अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ पूरे मामले की शिकायत की.
उन्होंने बताया कि उनके पिता पं. राजेंद्र प्रसाद शुक्ल को सांस लेने में समस्या होने पर दो अगस्त 2006 को अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया इलाज के दौरान उनके पिता की मौत हो गई तब विधानसभा के अधिकारियों और स्वजन ने पूर्व अध्यक्ष के स्वास्थ्य संबंधी जानकारी मांगी थी इस दौरान भी अस्पताल प्रबंधन की ओर से गोलमोल जवाब दिया गया.
फर्जी डॉक्टर और अस्पताल प्रबंधन पर FIR
शिकायत पर पुलिस ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, अपोलो अस्पताल प्रबंधन एवं दमोह एसपी से रिपोर्ट मांगी इस दौरान पुलिस ने आरोपी की डिग्री पर जांच फोकस किया.जिसके बाद डॉक्टर के अस्पताल में नियुक्ति संबंधी दस्तावेज जुटाए.
पुलिस की जांच में उसके DM कार्डियोलॉजी की डिग्री फर्जी पाई गई है.साथ ही पता चला कि छत्तीसगढ़ मेडिकल काउंसिल में उसका पंजीयन नहीं है इस आधार पर पाया गया कि आरोपी डॉक्टर को एंजियोप्लास्टी करने का अधिकार ही नहीं था.
मामला चिकित्सकीय लापरवाही का न होकर क्रूरतम आपराधिक मानव वध का है.लिहाजा, डॉ नरेंद्र विक्रमादित्य यादव उर्फ नरेंद्र जॉन केम एवं अपोलो प्रबंधन के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज किया है.
पूछताछ के बाद अन्य आरोपियों की होगी गिरफ्तारी
सरकंडा CSP सिद्धार्थ बघेल ने बताया कि आरोपी डॉ नरेंद्र विक्रमादित्य यादव उर्फ नरेंद्र जॉन केम के गिरफ्तारी के लिए दमोह के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के न्यायालय से अनुमति ली गई है.
कोर्ट ने आरोपी का प्रोडक्शन वारंट मंजूर किया है जिसके बाद पुलिस की टीम प्रोडक्शन वारंट के तहत आरोपी को गिरफ्तार कर ले आई है उससे पूछताछ कर अपोलो अस्पताल में पदस्थापना के दौरान जितने मरीजों का इलाज किया गया है उसे जांच में शामिल किया गया है.
फर्जी डॉक्टर के इलाज से व्यापारी की भी मौत
तोरवा में रहने वाले सुरेश कुमार डोडेजा ने अपोलो अस्पताल के पूर्व डॉ नरेंद्र विक्रमादित्य यादव के खिलाफ शिकायत की है उनके पिता भगतराम डोडेजा को पेट दर्द की शिकायत थी इसके बाद भी हार्ट स्पेशलिस्ट के रूप में पदस्थ डॉ नरेंद्र विक्रमादित्य यादव ने उनके पिता का इलाज किया.