40 लाख के लिए खुद के मौत का ड्रामा:पिता का कर्ज चुकाने की थी प्लानिंग,बाइक-मोबाइल छोड़ हुआ गायब,इंस्टाग्राम से मिला सुराग, बिलासपुर से पकड़ाया

छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले एक युवक ने अपने पिता का एक लाख रुपए का कर्ज चुकाने के लिए अपने मौत की झूठी कहानी बनाई। युवक ने खुद को मरा हुआ दिखाने का नाटक किया, ताकि उसके नाम पर हुए 40 लाख के जीवन बीमा की राशि परिवार को मिल सके।

लेकिन जांच के दौरान पुलिस ने युवक की साजिश को फेल कर दिया और गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज होने के छह दिन बाद उसे बिलासपुर के तोरवा इलाके से ढूंढ निकाला।

जानिए क्या है पूरा मामला

यह मामला थाना पामगढ़ का है। जानकारी के अनुसार, तैनाद निवासी तिलक राम श्रीवास निवासी ने थाना पामगढ़ पुलिस में अपने छोटे बेटे 21 वर्षीय कौशल श्रीवास की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। तिलक राम की दर्ज रिपोर्ट के अनुसार, उसका बेटा कौशल 19 अगस्त को शाम करीब 7 बजे यह कहकर घर से बाइक से निकला कि वह घूमकर आएगा। वह अपनी मां का मोबाइल लेकर निकला था।

दो घंटे बाद करीब 9 बजे बड़े बेटे जागेश्वर श्रीवास के पास फोन आया कि उसकी बाइक और मोबाइल शिवनाथ नदी के पैसर पुल पर है। यह सूचना मिलते ही परिजन मौके पर पहुंचे तो वहां देखे कि पुल पर मोटरसाइकिल, जूता और मोबाइल वहां पड़े हुए हैं। लेकिन कौशन का कोई अता-पता नहीं है।

परिजनों को हुआ अनहोनी का अंदेशा

इस पर परिजनों को अनहोनी का अंदेशा हुआ। उन्होंने तुरंत पुलिस को इसकी सूचना दी। परिजनों की शिकायत पर पामगढ़ थाने में गुम इंसान का मामला दर्ज किया गया।

लापता युवक की तलाश में बिलासपुर से SDRF और नगर सैनिकों के गोताखोरों की टीम ने चार दिन तक नदी में सर्च ऑपरेशन चलाया, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। इसी बीच, साइबर पुलिस ने युवक के सोशल मीडिया के अकाउंट की मॉनिटरिंग शुरू की।

साइबर टीम की जांच से मिला युवक का सुराग

जांच में जुटी जांजगीर की साइबर सेल टीम को सोशल मीडिया से पता चला कि कौशल जिंदा है। उसने इंस्टाग्राम पर अपने एक दोस्त को बताया था कि वह ठीक है। इसके बाद 23 अगस्त को युवक ने अपने भाई को एक अनजान नंबर से कॉल किया।

घरवालों ने इसकी जानकारी पुलिस को दी। तब पुलिस ने कॉल को ट्रेस किया और लोकेशन की जानकारी मिलने पर आरपीएफ और उसलापुर पुलिस को अलर्ट किया। मुखबिर की सूचना पर साइबर टीम और परिजन बिलासपुर के तोरवा इलाके पहुंचे और कौशल को सुरक्षित बरामद कर लिया गया।

पूछताछ में कबूला पूरा प्लान

युवक ने पुलिस को बताया कि उसके पिता पर एक लाख रुपए का कर्ज है और वह मानसिक रूप से बहुत परेशान था। उसके नाम पर 40 लाख रुपए का बीमा था, इसलिए उसने खुद को मरा हुआ दिखाकर बीमा राशि लेने की योजना बनाई थी।

युवक ने बताया कि घटना के बाद वह पैदल पामगढ़ गया, फिर बस से बिलासपुर पहुंचा। 20 अगस्त को ट्रेन से दिल्ली के फरीदाबाद पहुंचा और स्टेशन पर रात बिताई। फिर 22 अगस्त को वापस बिलासपुर लौटा और 23 अगस्त को पकड़ा गया। उसने यह भी बताया कि ट्रेस से बचने के लिए उसने अपना मोबाइल स्टेशन पर फेंक दिया था।

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