gst cut on cars: स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की टैक्स व्यवस्था में बड़े बदलाव का ऐलान किया था. उन्होंने कहा था कि, मौजूदा 4-स्लैब वाले गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) स्ट्रक्चर को सरल बनाकर 2-स्लैब सिस्टम में बदला जाएगा. जीएसटी रिफॉर्म के इस फैसले से करीब 175 प्रोडक्ट्स पर असर पड़ेगा, जिनमें ऑटोमोबाइल सेक्टर भी शामिल है.
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद (GST Council) की दो दिवसीय बैठक (3 और 4 सितंबर) आज से शुरू हो रही है. काउंसिल की इस बैठक में देश के सभी राज्यों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे. इस बैठक में नए जीएसटी ढांचे का अंतिम रूप तय किया जाएगा, साथ ही यह भी स्पष्ट होगा कि किन-किन वस्तुओं पर कितना कर प्रभाव पड़ेगा. जीएसटी काउंसिल की इस 56वीं बैठक में कई अहम फैसलों के ऐलान होने की उम्मीद है, जिसमें जीएसटी स्लैब को घटाकर केवल दो स्लैब में बदलना भी शामिल है.
केंद्र सरकार ने मौजूदा 28% जीएसटी को घटाकर 18% पर लाने का प्रस्ताव दिया है. इसका उद्देश्य टैक्स स्ट्रक्चर को सरल बनाना और डिमांड को बढ़ावा देना है, जिससे खपत में इज़ाफा होगा और अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी. जानकारों का मानना है कि इस फैसले से छोटे कार सेगमेंट को सबसे बड़ा लाभ मिलेगा. लंबे समय से एंट्री लेवल कार सेग्मेंट संघर्ष कर रहा है, सरकार का यह कदम इन वाहनों के लिए पुनर्जीवन जैसा हो सकता है. इन कारों की कीमत में तकरीबन 7 से 8% तक की छूट होने की संभावना व्यक्त की जा रही है.
क्या है GST 2.0?
बता दें कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते 15 अगस्त को लाल किले से अपने संबोधन में कहा कि सरकार एक नए पुनर्गठित जीएसटी ढांचे पर काम कर रही है. इस नए जीएसटी रिफॉर्म को दिवाली से पहले लागू किया जाएगा, जो आम लोगों के लिए दिवाली गिफ्ट जैसा होगा. पीएम के इस ऐलान के बाद से ही जीएसटी में बड़े बदलाव की चर्चा ने जोर पकड़ा है और इसे ही अब जीएसटी 2.0 कहा जा रहा है. ये नया टैक्स स्ट्रक्चर न केवल कर व्यवस्था को सुलभ बनाएगा बल्कि इसमें स्लैब की संख्या भी कम होगी.
स्लैब में कैसा बदलाव हो सकता है?
मौजूदा समय में जीएसटी सिस्टम में 5%, 12%, 18% और 28% के कई स्लैब्स शामिल हैं. जो अलग-अलग वस्तुओं पर लागू होते हैं. लेकिन प्रस्तावित स्ट्रक्चर के तहत ज्यादातर वस्तुओं को केवल 2 प्रमुख स्लैब्स में रखा जाएगा. प्रस्ताव के अनुसार जरूरी सामान और सेवाओं पर 5%, जबकि अधिकांश अन्य वस्तुओं को 18% स्लैब में शामिल किए जाने की बात कही गई है. इसके अलावा सरकार ने लक्ज़री वस्तुओं के लिए एक विशेष 40% टैक्स स्लैब का भी प्रस्ताव दिया है.
GST 2.0 से कारों की कीमत कैसे घटेगी?
जानकारों का मानना है कि, यदि जीएसटी काउंसिल की मीटिंग में नए प्रस्तावित स्लैब पर अंतिम मुहर लग जाती है. तो वाहनों की कीमत में बड़ी गिरावट की उम्मीद है. मौजूदा समय में, पैसेंजर कारों पर 28% से 50% तक जीएसटी टैक्स लगाया जाता है, जो वाहन के साइज, फ्यूल टाइप और इंजन क्षमता पर निर्भर करता है. जीएसटी के अलावा इन वाहनों पर सेस (Cess) यानी उपकर भी लगाया जाता है, जो 1% से 5% है. इससे वाहनों की कीमत में और भी इजाफा हो जाता है.
छोटी कारों पर बड़ा फायदा
प्रस्तावित स्लैब फाइनल होने के बाद छोटी कारें जो 1.2 लीटर इंजन और 4 मीटर से कम लंबी हैं, उन पर वर्तमान में 28 प्रतिशत जीएसटी और 1-3 प्रतिशत की सेस (Cess) दरें लागू होती हैं, नए बदलाव के बाद ये 18 प्रतिशत टैक्स स्लैब में आ सकती हैं. इससे इन कारों की कीमत में तकरीबन 8% की संभावित गिरावट का अनुमान लगाया गया है. जबकि बड़ी कारों की कीमतों में 3% से 5% तक की कमी की उम्मीद है.
मौजूदा समय में 1,500 सीसी इंजन वाली सभी कारों पर 28% जीएसटी, 20% सेस लगाया जाता है, जो कुल मिलकर 48% होता है. इसके अलावा 4 मीटर लंबी, 1,500 सीसी इंजन और 170 मिमी ग्राउंड क्लीयरेंस वाली कारों पर 28% जीएसटी और 22% सेस लगाया जाता है. जो कुल मिलाकर 50% होता है. इन्हें केवल एक स्लैब 40% में ट्रांसफर किया जा सकता है.
प्रस्ताव के अनुसार 4 मीटर से लंबी 1,200 सीसी से अधिक पेट्रोल इंजन और 1,500 सीसी से अधिक डीजल इंजन वाली गाड़ियों पर अब 40% जीएसटी लगाया जाएगा. सरकार इन्हें ‘लक्ज़री’ या ‘सिन गुड्स’ की कैटेगरी में देख रही है. हालांकि, ख़बर ये भी है कि, इस कैटेगरी में आने वाले वाहनों पर लगने वाले सेस यानी उपकर में कटौती की जाएगी, ताकि कुल कर दर लगभग 50% ही बनी रहे. मौजूदा समय में इन पर तकरीबन 15-22% तक उपकर लगाया जाता है.
कितनी सस्ती होंगी Creta से लेकर Thar जैसी कारें
देश की सबसे सस्ती कार ऑल्टो के10 की बात करें तो इसकी मौजूदा कीमत 4.23 लाख रुपये से शुरू होती है, जो टैक्स स्लैब में बदलाव के बाद 3.89 लाख रुपये हो सकती है. दूसरी ओर Renault Kwid की कीमत में तकरीबन 45,000 रुपये की कटौती देखने को मिल सकती है, जो इस समय 4.70 लाख रुपये से शुरू होती है. महिंद्रा स्कॉर्पियो जिसकी कीमत 13.99 लाख रुपये से लेकर 25.62 लाख रुपये तक जाती है, इसमें तकरीबन 3 लाख रुपये तक की संभावित कटौती हो सकती है.
महिंद्रा थार की बात करें तो इसकी लंबाई 3,985 मिमी है, वहीं Thar Roxx की लंबाई 4,428 है. इसलिए डायमेंशन के हिसाब से इन दोनों एसयूवी में भिन्न टैक्स सिस्टम लागू किया जा सकता है. लेकिन इनकी कीमत में भी भारी कटौती की उम्मीद है. मौजूदा समय में इसकी कीमत 12.99 लाख रुपये से शुरू होती है. दूसरी ओर Hyundai Creta की लंबाई 4,330 मिमी है लेकिन इसमें 1,497 सीसी का इंजन इस्तेमाल होता है. 11.11 लाख रुपये की शुरुआती कीमत में आने वाली इस एसयूवी के दाम में भी भारी कटौती की उम्मीद है.