हम अक्सर पानी को सिर्फ प्यास बुझाने का जरिया मानते हैं, लेकिन यह शरीर और दिमाग दोनों के लिए बेहद जरूरी है। हाल ही में आई एक स्टडी के अनुसार, पर्याप्त पानी न पीने से न केवल शरीर डिहाइड्रेशन का शिकार होता है बल्कि स्ट्रेस लेवल भी तेजी से बढ़ सकता है। यानी कम पानी पीना मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि जब शरीर में पानी की कमी होती है तो स्ट्रेस हार्मोन कॉर्टिसोल का स्तर बढ़ जाता है। यही हार्मोन तनाव और बेचैनी को ट्रिगर करता है। इसके अलावा, डिहाइड्रेशन से सिरदर्द, थकान, चिड़चिड़ापन और नींद की समस्या भी बढ़ सकती है। यही वजह है कि दिनभर पर्याप्त मात्रा में पानी पीना मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है।
हाइड्रेशन एक्सपर्ट्स के मुताबिक, एक स्वस्थ व्यक्ति को रोजाना 8 से 10 गिलास (करीब 2 से 3 लीटर) पानी पीना चाहिए। हालांकि यह मात्रा उम्र, वजन, मौसम और शारीरिक गतिविधियों पर भी निर्भर करती है। जो लोग अधिक व्यायाम करते हैं या गर्म जगह पर रहते हैं, उन्हें सामान्य से ज्यादा पानी की जरूरत होती है।
स्टडी में यह भी पाया गया कि जो लोग दिनभर पर्याप्त पानी पीते हैं, उनका मूड संतुलित रहता है और वे तनावपूर्ण स्थितियों से जल्दी बाहर निकल पाते हैं। वहीं, कम पानी पीने वालों में चिड़चिड़ापन और चिंता ज्यादा देखी गई।
डॉक्टर्स का सुझाव है कि प्यास लगने का इंतजार करने के बजाय समय-समय पर पानी पीते रहना चाहिए। साथ ही, शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए नारियल पानी, छाछ, सूप और फलों का रस भी लिया जा सकता है। चाय-कॉफी और कोल्ड ड्रिंक जैसी कैफीन युक्त चीजें शरीर से पानी कम करती हैं, इसलिए इन्हें सीमित मात्रा में ही लेना चाहिए।
पानी शरीर की लगभग हर गतिविधि के लिए जरूरी है—खून का संचार, पाचन, त्वचा की नमी और दिमाग की कार्यक्षमता सभी हाइड्रेशन पर निर्भर हैं। इसलिए रोजाना सही मात्रा में पानी पीने की आदत न सिर्फ स्वास्थ्य बल्कि मानसिक शांति के लिए भी जरूरी है।
अगर आप तनाव कम करना चाहते हैं, तो नियमित व्यायाम और पर्याप्त नींद के साथ-साथ हाइड्रेशन पर भी ध्यान दें। यह छोटा-सा बदलाव आपकी जीवनशैली में बड़ा फर्क ला सकता है।