सुपौल : बिहार चालक महासंघ जिला के नेतृत्व में सुपौल जिले के सिमराही नगर पंचायत स्थित बांस चौक पर बैठक हुई. अध्यक्षता जिलाध्यक्ष दुर्गानंद मरीक और जिला सचिव राजनारायण चौधरी ने किया, बैठक में चालक संघ को मजबूती प्रदान करने के लिए प्रदेश के अन्य जिलों से भी चालक संघ के प्रतिनिधि आए जिसमें दरभंगा, सारण, मधुबनी, भागलपुर, नवादा सहित मधेपुरा और सहरसा से भी सदस्यों ने सुपौल जिला के चालकों का मनोबल बढ़ाया.
प्रदेश अध्यक्ष उपेन्द्र राय ने बैठक को संबोधित करते हुए बताया कि सभी चालक की तरफ से सरकार से मांग पत्र के माध्यम से अपनी मांगों को रखने जा रहे हैं. जिलाध्यक्ष दुर्गानंद मरीक ने बताया कि हमारी मांगो में प्रमुख रूप से चालक समाज के लिए स्वतंत्र धारा बनाया जाए ताकि जनाक्रोश का शिकार नहीं हो सके.
गाड़ियों के लिए पार्किंग एवं चालक के लिए विश्राम गृह और शौचालय की व्यवस्था की जाए, 55 वर्षों की आयु के बाद पेंशन योजना शुरू की जाए, सड़क दुर्घटना के समय चालक की मृत्यु होने पर 20 लाख की बीमा राशि निश्चित किया जाए, चालक को द्वितीय श्रेणी का सैनिक मान्यता दिया जाए, बच्चों के लिए उच्च शिक्षा और केंद्रीय विद्यालय में आरक्षण दिया जाए, राज्य मार्ग पर प्रशासन द्वारा प्रताड़ित नहीं किया जाए.
ड्राइविंग लाइसेंस के लिए 15 हजार के शुल्क को कम किया जाए ताकि अधिकतर गरीब चालक भी लाइसेंस प्राप्त कर सके, 01 सितंबर को ड्राइवर दिवस घोषित किया जाए. इसके अलावे भी अन्य कई छिटपुट मांग है जो कि सरकार आसानी की मान सकती है.
जिला सचिव राजनारायण चौधरी ने बताया कि पूरे देश की अर्थ व्यवस्था हम चालकों के हाथों में ही है जिससे कि सरकार को राजस्व प्राप्ति का करीब तीन चौथाई हिस्सा प्राप्त होता है, फिर भी चालक की किस्मत में निम्न मजदूरी, गाली और मार खाना ही लिखा है. इसलिए आज ये नौबत आ गई है कि हम खुद को प्रताड़ित महसूस कर अपने संघ के माध्यम से अपनी मांगों को सरकार के पास रख रहे है. मौके पर बमबम झा, पप्पू मंडल, काशी प्रसाद मिश्रा, देवेन्द्र कामत, धर्मेन्द्र यादव, सलीम खान, पप्पू मंडल, राजदीप यादव सहित अन्य मौजूद थे.