सूरजपुर: जिले में गुरुवार को ऐसा दृश्य देखने को मिला जब लाखों रुपये का नशे का जखीरा पलभर में राख में बदल गया. पुलिस लाइन परिसर में बने अस्थायी भट्ठे से उठता धुआं पूरे शहर में संदेश दे रहा था कि नशे के कारोबारियों के दिन अब गिने-चुने रह गए हैं. जिला स्तरीय औषधि निपटान समिति की देखरेख में हुई इस कार्रवाई में 171.041 किलो गांजा, 23 गांजा पौधे, 130 ग्राम अफीम और 1.772 किलो डोडा को जलाकर नष्ट किया गया.
इसकी अनुमानित कीमत करीब 40 लाख रुपये बताई गई है. पुलिस ने साफ किया कि यह कार्रवाई एनडीपीएस एक्ट के तहत दर्ज 28 प्रकरणों में जब्त माल को खत्म करने के लिए की गई है. डीआईजी एवं एसएसपी सूरजपुर प्रशांत कुमार ठाकुर ने बताया कि नशे के सौदागरों पर लगातार शिकंजा कसा जा रहा है. उन्होंने कहा— आज नष्टीकरण की प्रक्रिया में जो कुछ जला है, वह सिर्फ मादक पदार्थ नहीं बल्कि युवाओं का भविष्य बर्बाद करने की कोशिशें थीं.
कार्रवाई के दौरान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संतोष महतो, जिला आबकारी अधिकारी अनिल मित्तल, पर्यावरण अधिकारी बी.बी. ध्रुव, डीएसपी रितेश चौधरी, रक्षित निरीक्षक अशोक गिरी, निरीक्षक जावेद मियादांद, वन विभाग से महेंद्र प्रसाद सहित कई अधिकारी और पुलिसकर्मी मौजूद रहे.
पुलिस का कहना है कि यह सिर्फ शुरुआत है. भविष्य में भी जिले के किसी भी कोने में मादक पदार्थों की तस्करी और कारोबार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. सूरजपुर में हुई यह कार्रवाई नशे के कारोबारियों के लिए चेतावनी का धुआं साबित हुई है, अब बख्शा नहीं जाएगा.