मध्यप्रदेश: मऊगंज बस स्टैंड पर एक शर्मनाक घटना सामने आई है, जहां सोमवार शाम लगभग 6 बजे एक वर्दीधारी पुलिस आरक्षक को नशे की हालत में फल विक्रेताओं से जबरन वसूली करते हुए कैमरे में कैद किया गया। वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है और स्थानीय लोगों में इस घटना को लेकर भारी आक्रोश है। जांच में सामने आया है कि उक्त पुलिसकर्मी सीधी जिले का आरक्षक राम प्रसाद रावत है, जिसका बैज नंबर 235 है और जो लौर थाना क्षेत्र का निवासी है।
वीडियो में वह पुलिस वर्दी में न सिर्फ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करता दिखाई दे रहा है, बल्कि दुकानदारों को डराकर उनसे पैसे वसूलने की कोशिश करता भी नजर आ रहा है। मऊगंज के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विक्रम सिंह ने मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा है कि प्रथम दृष्टया यह पुलिसकर्मी मऊगंज जिले का प्रतीत नहीं होता। संभवतः वह अन्य जिले, संभवतः सीधी से ताल्लुक रखता है। अनुशासनहीनता की पुष्टि होने पर नियमानुसार कठोर कार्रवाई की जाएगी।
World War 3 will be for language, not land! pic.twitter.com/0LYWoI3K0r
— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
चौंकाने वाली बात यह है कि यह आरक्षक कोई पहली बार विवादों में नहीं आया है। करीब आठ महीने पूर्व भी इसका एक वीडियो सामने आया था, जिसमें यह मऊगंज कॉलेज के पास शराब के नशे में उत्पात मचाते देखा गया था। उस समय मऊगंज की तत्कालीन पुलिस अधीक्षक रसना ठाकुर ने सीधी एसपी को पत्र लिखकर इस पर तत्काल कार्रवाई की सिफारिश की थी। पुलिस विभाग ने वीडियो की सत्यता और आरक्षक की भूमिका की पुष्टि के लिए जांच शुरू कर दी है। विभागीय सूत्रों के अनुसार, दोषी पाए जाने पर कठोर विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
स्थानीय व्यापारियों और नागरिकों ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए मांग की है कि पुलिस की छवि को बचाने के लिए ऐसे अधिकारियों पर तत्काल प्रभाव से निलंबन व बर्खास्तगी जैसी कड़ी कार्रवाई की जाए। जनता का विश्वास पुलिस पर तब ही कायम रहेगा, जब वर्दी पहनने वाले कानून के रक्षक खुद कानून का पालन करें।