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लॉरेंस बिश्नोई का इंटरव्यू कराने के आरोप में DSP गुरशेर संधू बर्खास्त

चंडीगढ़: पंजाब सरकार ने गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के साथ एक टीवी चैनल द्वारा साक्षात्कार की रिकॉर्डिंग कराने के आरोप में पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) गुरशेर सिंह संधू को बर्खास्त कर दिया है. उन पर आरोप है कि उन्होंने खरड़ में सीआईए की हिरासत के दौरान बिश्नोई का साक्षात्कार आयोजित कराया था.

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बिश्नोई के साक्षात्कार तब लिए गए जब वह पुलिस हिरासत में था, जिसमें खरड़ सीआईए स्टाफ परिसर में एक साक्षात्कार लिया गया था और मार्च 2023 में एक निजी समाचार चैनल पर प्रसारित किया गया था. बर्खास्तगी के आज गृह विभाग के सचिव गुरकीरत कृपाल सिंह की ओर से जारी किए गए. आदेशों में भारत के संविधान के अनुच्छेद 311 का हवाला दिया गया है, जो सक्षम प्राधिकारी को औपचारिक जांच के बिना किसी अधिकारी को बर्खास्त करने, हटाने या पदावनत करने का अधिकार देता है, यदि इसे उचित रूप से व्यावहारिक नहीं माना जाता है.

बर्खास्तगी आदेश में कहा गया है कि अधिकारी के असहयोगात्मक रवैये को देखते हुए पीपीएस (निलंबित) गुरशेर सिंह संधू को जारी किए गए आरोपपत्र की जांच करना उचित रूप से व्यावहारिक नहीं है. पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने निष्कर्ष निकाला कि 25 अक्टूबर, 2024 से निलंबित चल रहे संधू ने सीआईए खरड़ की हिरासत में रहते हुए बिश्नोई के साक्षात्कार की रिकॉर्डिंग में मदद की. संधू को निलंबित कर दिया गया और 9वीं बटालियन, पंजाब सशस्त्र पुलिस (पीएपी), अमृतसर के कमांडेंट को डिलीवरी के लिए चार्जशीट भेज दी गई.

बर्खास्तगी आदेश में आगे कहा गया है कि डीजीपी ने अवगत कराया है कि गुरशेर सिंह संधू, पीपीएस (निलंबित) ने चार्जशीट प्राप्त करने के सभी प्रयासों को टाल दिया. जब संधू इसे प्राप्त करने से बचते रहे, तो कमांडेंट, 9वीं बटालियन, पीएपी, अमृतसर ने प्रक्रियात्मक आवश्यकताओं के अनुपालन में औपचारिक सेवा सुनिश्चित करने के लिए अधिकारी के आवास के दरवाजे पर चार्जशीट चिपकाने की व्यवस्था की.

इन प्रयासों की एक विस्तृत रिपोर्ट कमांडेंट द्वारा डीजीपी को सौंपी गई, जैसा कि 8 नवंबर, 2024 को मेमो नंबर 7186/सीबी-3 में बताया गया है. आदेश में इस बात पर जोर दिया गया कि सीआईए खरड़ की हिरासत में बिश्नोई के साक्षात्कार के दौरान संधू के कदाचार, लापरवाही और कर्तव्य के प्रति लापरवाही ने विभाग की छवि को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाया.

पंजाब लोक सेवा आयोग ने 26 दिसंबर, 2024 को मेमो संख्या fa 546/2024/w-7/4314 के माध्यम से राज्य सरकार के प्रस्ताव से सहमति व्यक्त की और संविधान के अनुच्छेद 311(2)(b) के तहत संधू को बर्खास्त करने की मंजूरी दी.

तथ्यों और परिस्थितियों पर सावधानीपूर्वक विचार करने के बाद, राज्य सरकार संतुष्ट है कि गुरशेर सिंह संधू ने अपने कार्यों के माध्यम से पंजाब पुलिस की छवि को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाया है. अपने कर्तव्यों का ठीक से पालन करने में उनकी विफलता पंजाब पुलिस के अनुशासन और आचरण नियमों का घोर उल्लंघन है.

आदेश में कहा गया है कि इसलिए, भारत के संविधान के अनुच्छेद 311 के तहत, गुरशेर सिंह संधू, पीपीएस (निलंबित), को पंजाब पुलिस में डीएसपी के पद से बर्खास्त किया जाता है. संधू, छह अन्य अधिकारियों के साथ, मामले में उनकी भूमिका के लिए निलंबित कर दिया गया था. उनके निलंबन के बाद, पंजाब सतर्कता ब्यूरो ने उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति और विवादित संपत्ति सौदों के आरोपों की जांच शुरू की.

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