बरसात के चलते लखनऊ-बलिया राजमार्ग पर कई स्थानों पर बने गड्ढे, राहगीरों को हो रही परेशानी

सुल्तानपुर: लखनऊ-बलिया राजमार्ग पर सफर करना इन दिनों राहगीरों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। बांसगांव से मोतिगरपुर तक लगभग 12 किलोमीटर की सड़क जर्जर हो चुकी है. जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं, जिनमें बरसात का पानी भरने से स्थिति और खतरनाक हो गई है। छोटे वाहन चालक फिसलकर चोटिल हो रहे है.

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बारिश के समय रात में स्थिति और खतरनाक हो जाती है. करीब तीन वर्ष पूर्व इस सड़क की विशेष मरम्मत पर विभाग ने लगभग दो करोड़ रुपये खर्च किए थे. उस समय सड़क को नया स्वरूप दिया गया था और यात्रियों को उम्मीद थी कि लंबे समय तक राहत मिलेगी. लेकिन बीते वर्ष से ही परत उखड़ने लगी थी. विभाग ने जगह-जगह पैंच लगाकर अस्थायी मरम्मत कराई, मगर यह ज्यादा दिन नहीं टिक सकी. वर्तमान में बरसात ने समस्या को और गहरा दिया है.

स्थानीय लोगों का कहना है कि इस मार्ग से रोजाना हजारों की संख्या में वाहन गुजरते हैं. लखनऊ, बलिया और,सुलतानपुर व आजमगढ़ की ओर जाने वाले भारी वाहनों का दबाव लगातार बना रहता है. खराब सड़क के कारण अब 12 किलोमीटर की दूरी तय करने में ज्यादा समय लग रहा है. तेज रफ्तार से चलना तो दूर, वाहन चालकों को हर कदम फूंक-फूंक कर रखना पड़ रहा है. बांसगांव, बरौंसा, बहुता बाबा,कैथवारा,और मोतिगरपुर के बीच सड़क की स्थिति सबसे खराब है. कहीं डामर पूरी तरह उखड़ गया है तो कहीं गहरे गड्ढे सड़क का हिस्सा निगल चुके हैं. बरसात में यह गड्ढे पानी से भर जाते हैं और दुर्घटनाओं का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। पटरियों पर झाल झंखाड़ ने कब्जा जमा रखा है. जिससे पैदल चलना भी कठिन हो जाता है। स्कूली बच्चों और बीमार मरीजों को लेकर जाने वाले वाहनों के लिए यह मार्ग सबसे बड़ी चुनौती साबित हो रहा है.

यात्रियों का कहना है कि बरसात के दौरान तो समस्या चरम पर पहुँच जाती है. बारिश रुकने के बाद गड्ढों में पानी भर जाता है और कीचड़ बन जाती है. कई जगहों पर सड़क गड्ढों में बदल गई है. लोग कहते हैं कि इस हाल में तो यह सड़क किसी भी दिन बड़ा हादसा करा सकता है.

स्थानीय लोगों ने विभाग से मांग की है कि बरसात खत्म होते ही सड़क की प्राथमिकता पर मरम्मत कराई जाए. उनका कहना है कि यह मार्ग जिले को लखनऊ और पूर्वांचल के अन्य हिस्सों से जोड़ने वाला प्रमुख संपर्क मार्ग है, ऐसे में इसकी उपेक्षा नहीं होनी चाहिए। सड़क खराब होने से न केवल आवागमन बाधित हो रहा है बल्कि आए दिन दुर्घटनाओं का खतरा भी बढ़ता जा रहा है.

राहगीरों का कहना है कि अस्थायी पैबंद लगाने से समस्या हल नहीं होगी. स्थायी तौर पर सड़क को नया स्वरूप देकर दुरुस्त किया जाए, ताकि लोगों को लंबे समय तक राहत मिल सके। ग्रामीणों ने उम्मीद जताई है कि विभाग जल्द इस दिशा में कदम उठाएगा और यात्रा को सुरक्षित बनाएगा.

पीडब्ल्यूडी के अवर अभियंता श्रवण कुमार ने बताया सड़क की पैचिंग कराने के लिए कार्ययोजना बनाकर भेजा गया है. बरसात बाद सड़क की मरम्मत कराई जाएगी. उन्होंने बताया सड़क चौड़ीकरण को लेकर भेजी गई कार्ययोजना शासन में लंबित है. स्वीकृत मिलने के बाद सड़क चौड़ीकरण का कार्य शुरू होगा.

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