सर्वर डाउन होने से विद्यार्थियों को अगली कक्षाओं में प्रमोट करने में कॉलेजों को दिक्कतें

इंदौर। स्नातक-स्नातकोत्तर में प्रवेश नवीनीकरण की प्रक्रिया जारी है, लेकिन सर्वर डाउन होने से विद्यार्थियों को अगली कक्षाओं में प्रमोट करने को लेकर कॉलेजों को दिक्कतें आ रही है। कॉलेजों ने तकनीकी गड़बड़ी को लेकर उच्च शिक्षा विभाग को शिकायत दर्ज करवाई है। मगर शैक्षणिक संस्थानों और विद्यार्थियों की समस्या का समाधान नहीं हो पाया है

कॉलेजों के मुताबिक उच्च शिक्षा विभाग ने 2025-26 सत्र से प्रवेश नवीनीकरण प्रक्रिया में बदलाव किया है। इसके चलते विद्यार्थियों और कॉलेज की परेशानी बढ़ गई है। पहले विद्यार्थी ऑनलाइन माध्यम से खुद अगली कक्षा में प्रमोशन कर लेते थे, लेकिन अब उन्हें इसके लिए कॉलेज आना अनिवार्य कर दिया गया है।

नए नियम के तहत स्नातक प्रथम वर्ष से द्वितीय, द्वितीय से तृतीय और तृतीय से चतुर्थ वर्ष में प्रमोशन की प्रक्रिया चल रही है, जिसमें कालेज को जिम्मेदारी सौंपी गई है। विद्यार्थियों को कॉलेज जाकर अपनी आईडी स्टाफ से लॉग इन करवानी होती है, जिसके बाद कर्मचारी अगली कक्षा में प्रमोशन की प्रक्रिया पूरी करते हैं।

औसतन यह काम 15 से 20 मिनट में हो जाता है, लेकिन सर्वर डाउन से काफी समय बर्बाद हो रहा है। नतीजा यह कि कई छात्रों को एक ही काम के लिए कालेज के कई चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। वद्यार्थियों का कहना है कि पहले वे घर बैठे मोबाइल या कंप्यूटर से आसानी से नवीनीकरण कर लेते थे, लेकिन अब समय और मेहनत दोनों ज्यादा लग रहे हैं। खासकर दूर-दराज से आने वाले छात्रों को अतिरिक्त परेशानी झेलनी पड़ रही है।

उधर कॉलेज प्रशासन की भी स्थिति आसान नहीं है। विद्यार्थियों की संख्या के मुकाबले स्टाफ कम है, जिससे नवीनीकरण प्रक्रिया के दौरान अन्य प्रशासनिक और शैक्षणिक काम प्रभावित हो रहे हैं।

कॉलेज कर्मचारी लगातार सर्वर समस्या और भीड़ से जूझ रहे हैं। शिक्षाविद मंगल मिश्र का कहना है कि यह बदलाव न केवल विद्यार्थियों बल्कि कालेज प्रशासन के लिए भी बोझ बन गया है। तकनीकी और मानव संसाधन की कमी के कारण प्रक्रिया में देरी होरही है।

 

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