बहराइच: भारत-नेपाल सीमा पर पड़ोसी मित्र राष्ट्र नेपाल में हुए हिंसक आंदोलन के बाद स्थिति बिगड़ने पर सीमा सील कर दी गई थी. इस निर्णय से दोनों ओर के लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा. चूँकि भारत और नेपाल के बीच रोटी-बेटी का संबंध है, ऐसे में अनेक परिवार शादी-ब्याह और रिश्तेदारी को लेकर चिंतित दिखाई दिए. इसी बीच फैजाबाद निवासी रेशू खान पुत्र स्वर्गीय इस्लाम खान की बारात नेपालगंज जानी थी.
रेशू खान की शादी नेपालगंज वार्ड नंबर 8 निवासी शबाना जहाँ, पुत्री ऐनुल हक वारसी के साथ तय हुई थी. तय तारीख पर बारात जब रुपईडीहा सीमा पर पहुँची तो सुरक्षा कारणों से तैनात एजेंसियों ने बारातियों को नेपालगंज जाने की अनुमति नहीं दी. स्थिति अचानक बदल जाने से वर-वधू पक्ष परेशान हो उठे. हालांकि, परिवारजनों ने तत्काल निर्णय लेते हुए वधू पक्ष को रुपईडीहा बुलाया.
इसके बाद कस्बे में ही रिश्तेदार के घर पर इस्लामी रीति-रिवाज के अनुसार विवाह संपन्न कराया गया. बारातियों के स्वागत के लिए स्थानीय स्तर पर नाश्ते और भोजन का भी प्रबंध किया गया. विवाह समारोह भले ही सीमा पार नहीं हो सका, लेकिन दोनों परिवारों ने परिस्थिति का समाधान निकालते हुए इसे यादगार बना दिया. यह शादी सीमाई कस्बे रुपईडीहा में लंबे समय तक चर्चा का विषय बनी रहेगी.