हाथरस : जिले की तहसील सादाबाद क्षेत्र के नगला मांधाता के पास रजवाहे की पटरी टूटने से किसानों की सैकड़ों बीघा आलू की फसल जलमग्न हो गई. रजवाहे में अधिक पानी छोड़े जाने के कारण यह घटना हुई.किसानों ने मौके पर पहुंचकर पानी रोकने और पटरी की मरम्मत के लिए खुद ही प्रयास किया.इस घटना ने सिंचाई विभाग की लापरवाही को उजागर कर दिया है.
बताया जा रहा है कि रजवाहे में पानी का स्तर बढ़ने से उसकी पटरी अचानक टूट गई. सुबह होते ही जब किसानों को इसका पता चला तो वह पानी मे डूबी हुई अपनी आलू की फसल को बचाने के प्रयासों में जुट गए. किसानों ने मिट्टी डालकर, लकड़ी गाड़कर, और टाट-पट्टियों का सहारा लेकर पानी को रोकने का प्रयास किया लेकिन कामयाबी नहीं मिली.
किसानों ने सिंचाई विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि रजवाहे की वर्षों से सफाई नहीं कराई गई, और बिना सूचना के देर रात इसमें पानी छोड़ दिया गया है, सुबह शिकायत देने के बावजूद भी विभाग का कोई भी कर्मचारी या अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा है.
सादाबाद तहसील में रजवाहे की पटरी कटने की यह कोई पहली घटना नहीं है, इससे पहले नगला मनी, मढ़ाका, कुम्हरई, गांव में भी रजवाहे की पटरी कटने से किसानों की सैकड़ों बीघा आलू और गेहूं की फसलों में नुकसान हो चुका है.
रजवाहे की पटरी कटने से लगातार हो रही घटनाओं को लेकर किसानों ने मांग की है कि प्रशासन इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए.साथ ही प्रभावित किसानों को मुआवजा दिलाने के लिए शीघ्र कार्रवाई की जाए.