डूंगरपुर: विभागीय निर्देशों और हाईकोर्ट के आदेशों की अवहेलना, नगरपरिषद आयुक्त प्रकाश डूडी पर पद का दुरूपयोग करने का आरोप, ठेकेदारों में आक्रोश

डूंगरपुर: नगर परिषद डूंगरपुर में आयुक्त प्रकाश डूडी को लेकर अब एक नया विवाद खड़ा हो गया है. दस्तावेज़ों से खुलासा हुआ है कि स्वायत्त शासन विभाग जयपुर ने 10 जुलाई 2025 के आदेश से प्रकाश डूडी को केवल सचिव, नगर परिषद डूंगरपुर के पद पर पदस्थापित किया था. इसके बाद 21 जुलाई 2025 के आदेश के अनुसार उन्हें मात्र 15 दिन के लिए आयुक्त पद का अतिरिक्त कार्यभार दिया गया था तथा उक्त आदेश में स्पष्ठ लिखा हुआ है कि अवधि समाप्त होने के बाद भी यदि प्रकाश डूडी आयुक्त के पद पर कार्य करते हैं तो अवमानना की कार्यवाही में स्वयं जिम्मेदार होंगे. इसके बावजूद, आदेश की अवधि 5 अगस्त 2025 के समाप्त हो जाने के बाद भी डूडी आयुक्त पद का लाभ उठा रहे हैं.


ठेकेदारों का आरोप है कि इस दौरान उन्होंने मनमाने ढंग से करोड़ों रुपये के भुगतान पास कर दिए. यह पूरा मामला नगर परिषद डूंगरपुर में प्रशासनिक अराजकता और विभागीय आदेशों की अनदेखी की ओर इशारा करता है. गुरुवार को नगर परिषद डूंगरपुर के ठेकेदार संघ ने मोर्चा खोलते हुए आयुक्त प्रकाश डूडी के कार्यभार पर सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं. संघ ने जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपकर डूडी पर मनमानी, भ्रष्टाचार और पद के दुरुपयोग के गंभीर आरोप लगाए हैं. ठेकेदार संघ का कहना है कि जब तक डूडी पद पर रहेंगे, जांच निष्पक्ष तरीके से संभव नहीं है। इसलिए उन्हें तुरंत आयुक्त पद से हटाकर स्वतंत्र जांच कराई जाए.


स्थानीय ठेकेदारों का कहना है कि डूंगरपुर नगर परिषद को किसी का निजी भ्रष्टाचार का अड्डा नहीं बनने देंगे. विभाग और प्रशासन अगर तुरंत कार्रवाई नहीं करता तो आंदोलन की राह अपनानी पड़ेगी. इस पूरे मामले ने नगर परिषद प्रशासन में हड़कंप मचा दिया है. अब देखना होगा कि जिला प्रशासन और स्वायत्त शासन विभाग इन गंभीर आरोपों पर क्या कदम उठाता है.
खास बात यह है कि प्रकाश डूडी का नाम विवादों में नया नहीं है। मेड़ता नगरपालिका में रहते हुए भी उनकी दोषपूर्ण कार्यशैली, जनप्रतिनिधियों व आमजन के साथ दुर्व्यवहार और समय पर कार्य नहीं करने जैसी शिकायतों के कारण उन्हें एपीओ कर दिया गया था. विभाग ने तब भी आदेश में लिखा था कि उनके खिलाफ पार्षदों और जनप्रतिनिधियों की गंभीर शिकायतें मिली हैं.

डूंगरपुर नगर परिषद में ठेकेदारों का बग़ावती सुर

ठेकेदार संघ का आरोप है कि – स्वायत्त शासन विभाग जयपुर ने आदेश जारी कर प्रकाश डूडी को केवल 15 दिन के लिए अतिरिक्त कार्यभार सौंपा था, जिसकी अवधि 5 अगस्त 2025 को समाप्त हो चुकी है. आदेश की मियाद खत्म होने के बावजूद डूडी अभी भी आयुक्त पद पर बैठे हैं, जो उच्च न्यायालय के आदेश और विभागीय निर्देशों का खुला उल्लंघन है. डूडी पर आरोप है कि उन्होंने करीब 2 करोड़ रुपये ठेकेदारों के बिल बिना जांच और रिकॉर्ड दर्ज किए केवल कमीशन लेकर पास किए, जिससे भारी अनियमितताओं की आशंका गहराती जा रही है.

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