डूंगरपुर: अपहरण के एक महीने बाद भी नाबालिग लापता, चौरासी पुलिस पर नाराजगी, माता-पीता ने पुलिस अधीक्षक से लगाई न्याय की गुहार

डूंगरपुर: जिले के चौरासी थाना क्षेत्र निवासी एक लाचार माता-पिता ने अपनी नाबालिग पुत्री के अपहरण के मामले में जिला पुलिस अधीक्षक को परिवाद सौंपकर आरोपी के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्यवाही करने व उसकी नाबालिग पुत्री को दस्तयाब कर परिजनों को सुपुर्द करने की गुहार लगाई है.
एसपी को सौपे परिवाद में नाबालिग के पिता ने बताया कि वह दिनांक 08 अगस्त 2025 को प्रातः 10:00 बजे करीब अपनी 17 वर्षीय नाबालिग बेटी को पाडली कॉलेज में प्रैक्टिकल एग्जाम होने से पाडली कॉलेज छोड़कर वापस अपने घर आ गया था. शाम को जब उसकी नाबालिक बेटी कॉलेज से घर नहीं लौटी तो पिता ने उसकी बेटी की रिश्तेदारों व आसपास में काफी तलाश की लेकिन कोई पता नहीं लगा.
नाबालिग के पिता ने बताया कि आरोपी गोवर्धन डिंडोर प्रार्थी की नाबालिक पुत्री को जबरन बहला फुसलाकर भगाकर ले गया तथा अपने पास बंदी बनाकर रखा है. इस संबंध में पिता द्वारा दिनांक 11 अगस्त 2025 को चौरासी थाने में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करवाई गई थी जिसके बाद पुलिस ने 26 अगस्त 2025 को एफआईआर नं. 164/2025 दर्ज कर भारतीय न्याय संहिता की धारा 137(2) एवं 87 बीएनएस में प्रकरण दर्ज किया, लेकिन एक माह बीत जाने के बाद भी पुलिस न तो नाबालिग को दस्तयाब कर पाई एवं न ही आरोपी का सुराग लगा पाई है.
चौरासी पुलिस के ढुलमुल रवैये के कारण नाबालिग के माता-पिता ने आशंका जताई है उनकी बेटी के साथ किसी अप्रिय घटना की संभावना बनी हुई है. चौरासी थाने में मुकदमा दर्ज होने के बावजूद भी जांच अधिकारी द्वारा किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई, ना ही प्रार्थी की नाबालिग पुत्री को दस्तयाब किया गया. वहीं, पुलिस द्वारा आरोपी के खिलाफ भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है जिससे हताश होकर नाबालिग के परिजनों ने जिला पुलिस अधीक्षक से न्याय की गुहार लगाई है.
नाबालिग के माता-पिता ने जिला पुलिस अधीक्षक से आग्रह किया है कि आरोपी को शीघ्र गिरफ्तार कर उसकी नाबालिग पुत्री को सुरक्षित बरामद कर परिजनों को सुपुर्द किया जाए तथा दोषी को कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जाए.
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