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डूंगरपुर: पुलिस कस्टडी में आदिवासी युवक की मौत से फैला ग्रामीणों में रोष, थाने पर कार्रवाई की मांग को लेकर किया प्रदर्शन

डूंगरपुर: जिले के दोवड़ा थाना क्षेत्र में हिरासत में दिलीप अहारी की संदिग्ध मौत ने पूरे आदिवासी बहुल इलाके में गुस्से की आग भड़का दी है. परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने आधी रात घर में घुसकर महिला से छेड़छाड़ की, 14 वर्षीय नाबालिग बेटे को उठा ले गई और बड़े बेटे दिलीप को थाने में बेरहमी से पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया. मंगलवार को इलाज के दौरान दिलीप ने दम तोड़ दिया.

परिवार के आरोप 

दिलीप की मां ने पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि 26 सितम्बर की रात हेड कांस्टेबल सुरेश भगोरा सहित पुलिसकर्मी जबरन घर में घुसे, बदसलूकी की और छोटे बेटे को उठा ले गए. परिजनों को धमकी दी गई कि दिलीप को थाने लाओ तभी छोड़ा जाएगा. देर रात दिलीप को हिरासत में लिया गया, अगले दिन उसकी हालत बिगड़ी और अस्पताल ले जाया गया. परिजनों का कहना है कि यह मौत पुलिस की बर्बरता का नतीजा है.

ग्रामीणों का गुस्सा और धरना

घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने दो बार सड़क जाम किया और कलेक्टर कार्यालय के बाहर धरना दिया. इस दौरान डीएसपी की गाड़ी पर पथराव भी हुआ. धरना स्थल पर आसपुर विधायक उमेश डामोर, कांग्रेस प्रत्याशी राकेश, प्रधान सागर अहारी सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे. बाद में सांसद राजकुमार रोत भी पहुंचे और कहा कि “आदिवासी युवक की मौत पुलिस की निर्मम मारपीट का परिणाम है, दोषियों को तत्काल बर्खास्त कर हत्या का केस दर्ज किया जाए.”

आदिवासी समाज की 15 सूत्री मांगें 

धरना स्थल से आदिवासी संगठनों व बीएपी ने 15 सूत्री मांग राज्य सरकार से की इनमें—

  • आरोपी पुलिसकर्मियों पर हत्या व एट्रोसिटी एक्ट में मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तारी
  • परिजन को 1 करोड़ का मुआवजा व सरकारी नौकरी,
  • सभी थानों में CCTV व पारदर्शी जांच व्यवस्था,
  • आदिवासी बहुल थानों में आदिवासी पुलिसकर्मियों की नियुक्ति,
  • अनुसूचित क्षेत्र में पुलिसिया दमन पर रोक—जैसी मांगें शामिल हैं

सियासत गरमाई

धरने में कांग्रेस विधायक गणेश घोगरा, जिलाध्यक्ष वल्लभ पाटीदार भी पहुंचे और बीएपी की मांगों का समर्थन किया. विपक्षी नेताओं ने पुलिस पर आदिवासियों को लगातार डराने-धमकाने और अवैध वसूली के आरोप लगाए.

डूंगरपुर कलेक्टर कार्यालय में देर रात तक चली सहमती बैठक में प्रभारी मंत्री बाबूलाल खराड़ी, उदयपुर सांसद मन्नालाल रावत, बांसवाड़ा-डूंगरपुर सांसद राजकुमार रोत, विधायक उमेश डामोर, डूंगरपुर विधायक प्रत्यशी बंसीलाल कटारा, भाजपा जिला अध्यक्ष अशोक रानोली, बीएपी जिलाध्यक्ष अनुतोष रोत सहित कई जनप्रतिनिधि मौजूद रहे. पूरे घटनाक्रम पर विस्तृत चर्चा हुई. सूत्रों के अनुसार, सरकार ने मामले को गंभीर मानते हुए पूरे दोवड़ा थाने को निलंबित करने का निर्णय लिया है परंतु पूर्ण रूप से धरने समाप्त करने और मांग पर पूर्ण सहमति नहीं बन पाई है.

एसपी मनीष कुमार का कहना था कि  मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी यदि कोई दोषी पाया गया तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी. यह मामला अब केवल हिरासत में मौत का नहीं बल्कि आदिवासी समाज बनाम पुलिस की टकराहट बन चुका है. प्रशासन पर दबाव है कि जल्द ठोस कार्रवाई करे, अन्यथा जिलेभर में आंदोलन उग्र हो सकता है.

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