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दुर्ग BJP ने नई 18 सदस्यीय कार्यकारिणी का ऐलान, जातीय और गुटीय संतुलन कायम

दुर्ग जिला भाजपा अध्यक्ष सुरेन्द्र कौशिक ने नई कार्यकारिणी की घोषणा कर दी है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष किरण सिंहदेव और संगठन महामंत्री पवन साय की सहमति से जारी की गई इस कार्यकारिणी में 18 पदाधिकारी शामिल किए गए हैं।

नई टीम में 6 उपाध्यक्ष, 2 महामंत्री, 6 मंत्री, एक कोषाध्यक्ष, एक सह-कोषाध्यक्ष, एक कार्यालय मंत्री और एक सह-कार्यालय मंत्री नियुक्त किए गए हैं। शिवेन्द्र परिहार, हर्षा चंद्राकर, सरिता मिश्रा, मनोज सोनी, राजीव पांडे और अशोक राठी को उपाध्यक्ष बनाया गया है। दिलीप साहू और विनोद अरोरा को महामंत्री की जिम्मेदारी दी गई है।

सरोज पांडेय की खेमे से इन्हें मिला जगह

कार्यकारिणी में जिले के प्रभावशाली नेताओं के समर्थकों को उचित प्रतिनिधित्व दिया गया है। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सरोज पांडेय के खेमे से सरिता मिश्रा, विनोद अरोरा, राजीव पांडे और ओमप्रकाश सेन को जगह मिला है। कैबिनेट मंत्री गजेंद्र यादव समर्थक शिवेंद्र परिहार, अशोक राठी और सैयद आसिफ अली को टीम में शामिल किया गया है।

सांसद के समर्थकों को भी मिले महत्वपूर्ण पद

सांसद विजय बघेल के समर्थक हर्षा चंद्राकर और शैलेंद्री मांडवी को भी महत्वपूर्ण पद दिए गए हैं। विधायक ललित चंद्राकर खेमे से मनोज सोनी, गिरीश साहू, शैलेंद्र शेंडे और राहुल पंडित को जगह मिली है। अध्यक्ष कौशिक के करीबी दिलीप साहू, गायत्री वर्मा और ध्रुव सचदेव भी टीम का हिस्सा बने हैं।

इन्हें बनाया महामंत्री

कार्यकारिणी में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव भी किए गए हैं। पूर्व कोषाध्यक्ष विनोद अरोरा को प्रमोट कर महामंत्री बनाया गया है। प्रदेश चेंबर ऑफ कॉमर्स के उपाध्यक्ष अशोक राठी को पहली बार संगठन में जिम्मेदारी दी गई है। निगम की पिछली परिषद में विपक्ष के रूप में सक्रिय रहे ओमप्रकाश सेन को कोषाध्यक्ष नियुक्त किया गया है।

अध्यक्ष ने कही ये बातें

अध्यक्ष सुरेन्द्र कौशिक ने कहा कि भाजपा एक कैडर बेस पार्टी है। संगठन से ही सत्ता मिलती है। हमने जातिगत और भौगोलिक संतुलन देखते हुए सभी पदाधिकारी तय किए हैं। यह टीम बूथ स्तर तक पार्टी को मजबूत करेगी और पीएम मोदी के 2047 के संकल्प को पूरा करने में अपना योगदान देगी।

संगठनात्मक चुनौती

बता दें कि दुर्ग भाजपा संगठन में 17 मंडल, 184 शक्ति केंद्र और 807 बूथ आते हैं। नई कार्यकारिणी की सबसे बड़ी चुनौती बूथ और शक्ति केंद्रों को सक्रिय कर जमीनी स्तर पर पार्टी की पकड़ मजबूत करना होगी।

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि नई टीम अध्यक्ष कौशिक की संगठनात्मक कुशलता को दर्शाती है। एक ओर गुटबाजी को साधने की रणनीति दिखी, तो दूसरी ओर नए चेहरों को अवसर देकर कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा भरने की कोशिश की गई है।

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