छत्तीसगढ़ में पिछली कांग्रेस सरकार के समय में श्रमिकों के लिए मनाए गए ‘बोरे बासी तिहार’ पर सरकारी खर्च को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। विधानसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में यह जानकारी सामने आई है कि, करीब 50 हजार श्रमिकों को बोरे बासी खिलाने के लिए सरकार ने करीब 9 करोड़ रुपए खर्च कर दिए थे।
इस हिसाब से एक आदमी पर सरकार ने करीब ₹1795 रुपये खर्च किए, लेकिन भोजन पर खर्च सिर्फ ₹32 के आसपास बैठता है। ये जानकारी आज 15 जुलाई 2025 को छत्तीसगढ़ विधानसभा में दी गई।
तखतपुर से विधायक धर्मजीत सिंह ने पूछा था कि बोरे बासी दिवस का आयोजन किस उद्देश्य से हुआ, कितने लोग शामिल हुए और कितना खर्च आया? इस पर वाणिज्य और उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन ने लिखित जवाब दिया है।
क्या था आयोजन?
1 मई 2023 को, अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस के मौके पर श्रम विभाग की ओर से पूरे प्रदेश में ‘बोरे बासी तिहार’ मनाया गया था। सरकार ने इसे ‘श्रम सम्मेलन’ के रूप में मनाया और कहा कि इसका उद्देश्य श्रमिकों को सरकारी योजनाओं के प्रति जागरूक करना था। आयोजन में श्रमिकों को पारंपरिक भोजन बोरे बासी खिलाया गया।
कार्यक्रम का संचालन राज्य के सभी जिलों के जिला श्रम कार्यालयों के माध्यम से किया गया।
कितने लोग शामिल हुए?
तत्कालीन सरकार की योजना थी कि इस आयोजन में 1 लाख 30 हजार श्रमिकों को शामिल किया जाएगा। हालांकि जवाब में बताया गया कि वास्तव में करीब 50 हजार श्रमिक ही कार्यक्रम में शामिल हो सके।
जबकि जानकारी के मुताबिक इस दिन केवल 35 हजार कुर्सियां लगीं और 1.10 करोड़ रुपए खर्च कर 6 विशाल डोम बने।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, इस आयोजन पर कुल ₹8,97,98,621 (करीब 8.98 करोड़ रुपये) खर्च किए गए। इसमें से मुख्य खर्च इस तरह हैं
यानि एक आदमी के लिए सिर्फ बोरे बासी खाने का इंतजाम ₹32 में हुआ, लेकिन आयोजन से जुड़े तमाम दूसरे खर्चों ने उसे ₹1795 तक पहुंचा दिया।
सभी जिलों से मंगाया गया पैसा, सबसे ज्यादा खर्च रायपुर में
सरकारी जानकारी के मुताबिक, इस आयोजन में सभी जिलों के श्रम पदाधिकारी कार्यालयों को आयोजन की जिम्मेदारी दी गई थी, और पैसा उन्हीं कार्यालयों को भेजा गया। हर जिले ने आयोजन स्थल, प्रचार-प्रसार, भोजन, ट्रांसपोर्ट और स्थानीय जरूरतों के लिए व्यय किया।
इन सभी में सबसे ज्यादा खर्च रायपुर श्रम पदाधिकारी कार्यालय ने किया, जहां ₹8,50,14,248 खर्च किए गए। बाकी बचे लगभग 47 लाख रुपये अन्य जिलों में खर्च हुए।
सरकारी जवाब में और क्या बताया गया?
विधानसभा में मंत्री लखनलाल देवांगन ने यह भी स्पष्ट किया कि आयोजन का उद्देश्य श्रमिकों को योजनाओं की जानकारी देना और पंजीयन बढ़ाना था। उन्होंने कहा कि आयोजन प्रदेश के सभी जिलों में हुआ और इसका संचालन जिला श्रम कार्यालयों ने किया। कार्यक्रम में जनप्रतिनिधि, विभागीय अधिकारी और बड़ी संख्या में श्रमिक शामिल हुए।
सरकार ने यह भी जानकारी दी कि कार्यक्रम की डिटेल जानकारी हर जिले के श्रम कार्यालयों में उपलब्ध है।