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सर्जरी के दौरान डॉक्टर को मरीज से ही हो गया कैंसर, पहली बार सामने आया ऐसा केस

कैंसर बीमारी का नाम सुनते ही लोगों के हाथ-पैर फूल जाते हैं और ये एक ऐसी बीमारी है जिसके मामले न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया में तेजी से बढ़ रहे हैं. ऐसे में कैंसर की रोकथाम और इलाज समय से जरूरी है और इसमें डॉक्टरों की भूमिका सबसे अहम मानी जाती है. कैंसर के बारे में एक और बात जो सबसे जरूरी है वो ये कि अगर शुरुआती स्टेज में ही इसका पता चल जाए तो बीमारी से जीतना मुमकिन है लेकिन आखिरी स्टेज में आते-आते यह और भी भयावह बीमारी बन जाती है.

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दुनिया के लिए चुनौती बना कैंसर

एक अनुमान के मुताबिक 2022 में दुनियाभर में कैंसर के दो करोड़ नए मामले सामने आए और करीब एक करोड़ लोगों की मौत हुई. भारत में कैंसर के मामले हर एक लाख लोगों पर लगभग 100 मरीज हैं. भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) की ओर से की गई स्टडी के अनुसार 2020 की तुलना में 2025 में भारत में कैंसर के मामलों में करीब 13 फीसदी की वृद्धि होने की आशंका जताई गई है. आंकड़ों से साफ है कि कैंसर न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया के लिए बहुत बड़ी चुनौती बना हुआ है.

ऐसी जानलेवा बीमारी को लेकर जर्मनी से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है जिसमें एक डॉक्टर को अपने ही मरीज से कैंसर हो गया. इस केस ने दुनियाभर की चिंता बढ़ा दी है क्योंकि अब तक कैंसर को ट्रांसमिटेड डिजीज के तौर पर नहीं देखा जाता था. ‘डेली मेल’ की खबर के मुताबिक सर्जन उस वक्त कैंसर की चपेट में आया जब वह अपने मरीज का ट्यूमर निकालने के लिए उसका ऑपरेशन कर रहा था.

कैंसर की चपेट में कैसे आए डॉक्टर

दरअसल, जर्मनी में 32 साल के एक शख्स को रेयर टाइप का कैंसर था और उसके पेट से ट्यूबर को निकाला जाना था. इस सर्जरी के दौरान 53 साल के डॉक्टर के हाथ पर एक छोटा सा कट लग गया और यह छोटी सी गलती उन्हें भारी पड़ गई. हालांकि उन्होंने इस घाव को डिसइन्फेक्ट कर तुरंत बैंडेज लगाई और वह निश्चिंत हो गए. इस सर्जरी के करीब पांच महीने बाद में डॉक्टर को महसूस हुआ कि उनकी उंगली पर एक इंच की गांठ उभर आई है.

डॉक्टर इस गांठ के इलाज के लिए स्पेशलिस्ट के पास गए और वहां जांच में पता चला कि यह तो एक ट्यूमर है, जैसा उनके मरीज के पेट के भीतर था. फिर सर्जन ने अपने इलाज के दौरान पाया कि कैंसर मरीज की सर्जरी के दौरान उंगली में लगे कट के जरिए कैंसर सेल उनके शरीर में ट्रांसफर हो गई थीं. आमतौर पर ऐसा बिल्कुल भी होता नहीं है क्योंकि बाहर से आने वाली किसी भी सेल्स को शरीर की इम्यूनिटी खत्म कर देती है.

मरीज और सर्जन का क्या हुआ

इस केस की जांच के दौरान एक्सपर्ट ने पता लगाया कि कैंसर मरीज की सर्जरी कर रहे डॉक्टर की इम्यूनिटी कमजोर रही होगी, जिसकी वजह से कैंसर सेल उनकी बॉडी में दाखिल होने में कामयाब रही. रिसर्च में यह भी सामने आया कि डॉक्टरों को मरीज से एक रेयर टाइप का कैंसर हुआ था जिसके हर साल सिर्फ 1400 मामले ही सामने आते हैं.

हालांकि बाद में डॉक्टर ने सर्जरी के जरिए उस ट्यूबर को हटवा दिया और फिर उन्हें दोबारा कैंसर नहीं हुआ. दूसरी ओर पहली सफल सर्जरी के कुछ दिन बाद कैंसर मरीज को अपनी जान गंवानी पड़ी. लेकिन इस केस ने कैंसर को लेकर चली आ रही अवधारणा को पूरी तरह से बदल दिया है और इसे ज्यादा खतरनाक बीमारी बना दिया है.

 

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