वाराणसी में खाद्य सुरक्षा अधिकारी द्वारा खाद्य पदार्थों में मिलावट के खिलाफ गुरुवार को राजघाट पर अभियान चलाया जा रहा था इसके तहत दूध सप्लाई करने वाले डेयरीमैन की चेकिंग की जा रही थी. इस दौरान डेयरीमेन ने दूध का सैंपल देने के बजाय अधिकारियों से बहस कर ली. जिसके बाद वो अपने दोनों डिब्बे से दूध को सड़क पर गिरा दिया. जिसके बाद विवाद बढ़ता देख स्थानीय नागरिकों की भीड़ जुट गई. वही अधिकारियों का कहना है कि सरकारी काम में बांधा करने के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराया जाएगा.
वाराणसी के राजघाट पर खाद्य सुरक्षा अधिकारी खाद्य पदार्थों में दूध की जांच किया जा रहा था. इसके तहत दूध वाले शहर में दूध लेकर आते हैं उनसे दूध का सैंपल लेकर छोड़ा जा रहा था. इसी दरमियान पड़ाव की तरफ से आ रहे एक डेयरीमैन अनिल यादव ने अपने दूध का सैंपल देने से मना किया. जब जबरदस्ती अधिकारियों सैंपल लिया तो डेयरीमैन ने दूध सड़क पर गिरा दिया. इसके साथ-साथ अपने दूध के बाल्टन से तकरीबन 80 लीटर दूध सड़क पर बहा दिया. स्थानीय नागरिकों ने आरोप लगाया कि प्रथम दृष्टि लगता की वह दूध नकली मालूम हो रहा था. जिसके कारण डेयरीमेन ने दूध का सैंपल नहीं दिया है.
सीनियर खाद्य सुरक्षा अधिकारी एसएस निरंजन ने बताया कि खाद्य सुरक्षा अभियान के तहत चेकिंग के लिए टीम गठित की गई थी, जिसमें एक खाद्य कारोबारी अनिल यादव को चेकिंग के लिए रोका गया. जो लगभग दो कैनो में 80 लीटर दूध लिए है। चार बोतलों में नमूना संग्रह किया गया तो वो भड़क गया. शीशी से दूध गिरते हुए अपने कैनो का भी दूध गिरा दिया. नमूना देने में बांधा उत्पन्न की जिसके खिलाफ वैधानिक कार्यवाही की जाएगी. नमूना ना देना राजकीय कार्य में बाधा पहुंचाना है, इसके खिलाफ मुख्यालय पर रिपोर्ट भेजी जाएगी.