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उचाना कलां सीट पर 5वें नंबर पर रहे दुष्यंत चौटाला, सिर्फ 32 वोटों से जीता बीजेपी उम्मीदवार

हरियाणा विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने जीत की हैट्रिक लगाई है. 90 सीटों वाले राज्य में बीजेपी 48 सीटों पर जीती है, जबकि कांग्रेस 36 सीटों पर जीती है और एक सीट पर आगे चल रही है, लेकिन उचाना कलां सीट चर्चा का विषय बनी हुई है. इस सीट से बीजेपी कैंडिडेट देवेंद्र अत्री ने सिर्फ 32 वोटों से चुनाव जीता है. उन्होंने कांग्रेस कैंडिडेट बृजेंद्र सिंह को हराया है.

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इसके साथ ही उचाना कलां वो सीट है जिससे दुष्यंत चौटाला ने ताल ठोकी थी, लेकिन वह पांचवें नंबर पर हैं, उनसे ज्यादा दो निर्दलीय उम्मीदवारों को वोट मिले हैं.

बता दें कि बीजेपी उम्मीदवार देवेंद्र अत्री को 48968 वोट मिले हैं, जबकि बृजेंद्र सिंह को 48936 वोट मिले हैं, दोनों की हार-जीत में महज 32 सीटों का फर्क है. पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह के बेटे बृजेंद्र सिंह लोकसभा चुनाव पहले बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए थे. हालांकि उन्हें लोकसभा चुनाव में कांग्रेस से टिकट नहीं मिली थी, लेकिन पार्टी ने उन्हें विधानसभा चुनाव में उचाना कलां से उतारा था, शुरुआती रुझानों में बृजेंद्र सिंह बढ़त बनाए हुए थे, लेकिन फाइनल मुकाबले में वह 32 वोटों से हार गए.

अगर बात दुष्यंत चौटाला की करें तो उन्होंने 2019 के विधानसभा चुनाव के बाद बीजेपी के साथ गठबंधन किया था और डिप्टी सीएम बने थे, लेकिन चुनाव से पहले दुष्यंत चौटाला की जेजेपी और बीजेपी की राहें अलग हो गईं. दुष्यंत चौटाला को 7950  वोट मिले हैं, वह 41018 वोटों से चुनाव हारे हैं. इस सीट पर तीसरे नंबर पर वीरेंद्र घोघरियां और चौथे नंबर पर विकास हैं, दोनों ही निर्दलीय कैंडिडेट हैं. दुष्यंत चौटाला इन दोनों से भी पिछड़ गए हैं.

उचाना कलां सीट पर 75.44 प्रतिशत वोटिंग हुई है. 2019 में यहां 76.9 प्रतिशत और 2014 में 85.4 प्रतिशत वोटिंग हुई थी. 2014 में इस सीट पर बीजेपी ने कब्जा किया था, लेकिन 2019 में दुष्यंत चौटाला ने बीजेपी को हराकर इस सीट पर कब्जा किया. दुष्यंत चौटाला ने 2019 में इस सीट पर 45 हजार से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की थी और बीजेपी दूसरे नंबर पर रही थी. बता दें कि उचाना कलां विधानसभा सीट जींद जिले में आती है, जिसे राज्य का राजनीतिक गढ़ माना जाता है.

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