उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिला परिवहन विभाग में रजिस्टर्ड एक कार कभी छत्तीसगढ़ के बिलासपुर नहीं आई है। इसके बाद भी ट्रैफिक पुलिस ने उसका ई-चालान भेज दिया है। इससे परेशान गाड़ी मालिक ने अपनी गाड़ी का फर्जी नंबर लगाकर दुरुपयोग करने की शिकायत की है।
उन्होंने पूरे मामले की जांच कर फर्जी नंबर धारक के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। बता दें कि इस तरह से फर्जी नंबर प्लेट के आधार पर ई-चालान काटने के कई मामले सामने आए हैं, जिस पर पुलिस ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है।
ई-चालान जमा करने का मैसेज आया
दरअसल, नवीन कुमार सिंघानिया गोरखपुर के शाहपुर थाना क्षेत्र में रहते हैं और पेशे से वकील हैं। उनके पास टाटा कंपनी की नेक्सान कार है, जिसका नंबर यूपी 53 ईएन 1053 है। उनकी गाड़ी गोरखपुर जिला परिवहन विभाग से रजिस्टर्ड है।
30 मई की सुबह 10.4 मिनट पर उनके मोबाइल नंबर पर मैसेज आया, जिसमें ई-चालान जमा करने का नोटिस दिया गया था। मैसेज क्लिक कर देखने पर पता चला कि आईटीएमएस छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से भेजा गया है। नोटिस में उन्हें यातायात नियम के खिलाफ गाड़ी चलाने पर 800 रुपए जुर्माना जमा करने कहा गया है।
छत्तीसगढ़ गई नहीं गाड़ी तो कैसे पहुंचा ई-चालान
वकील ने मैसेज देखकर सोचा कि जुर्माने की राशि जमा कर दी जाए। लेकिन, जब पता चला कि छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से नोटिस भेजा गया है और वो अपनी गाड़ी लेकर कभी बिलासपुर गए ही नहीं है, तो चालान कैसे भेज दिया गया है।
उन्हें आशंका हुई कि उनकी गाड़ी के फर्जी नंबर का आपराधिक गतिविधियों में इस्तेमाल हो सकता है। जिसके चलते भविष्य में उन्हें बड़ी परेशानी हो सकती है। लिहाजा, उन्होंने पूरे मामले की शिकायत मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से की है।
दो राज्य में एक ही नंबर की 2 गाड़ियां
वकील सिंघानिया ने अपनी शिकायत में बताया है कि इस ई-चालान से यह स्पष्ट है कि छत्तीसगढ़ के बिलासपुर और उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में एक ही नंबर की दो गाड़ियां चल रही है। गाड़ी मालिक यानी को वो खुद कभी बिलासपुर नहीं गए हैं। ऐसे में यह स्पष्ट है कि कोई उनकी गाड़ी का नंबर इस्तेमाल कर रहा है। इसलिए उन्होंने पूरे मामले की जांच कर फर्जी नंबर का दुरुपयोग करने वाले के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।
पहले भी आई इस तरह की शिकायत, पुलिस ने किया नजरअंदाज
बता दें कि बिलासपुर आईटीएमएस से जारी ई-चालान में पहले भी इस तरह की शिकायतें आई है। जिसमें फर्जी नंबर प्लेट लगाकर गाड़ी चलाने की बात सामने आई है। लेकिन, इन मामलों में ट्रैफिक पुलिस ने गाड़ी मालिक को ही इसके लिए जिम्मेदार ठहराते हुए उनसे चालान वसूली कर लिया और उनकी शिकायतों को नजरअंदाज कर दिया।
पुलिस इस तरह के मामलों की गंभीरता से जांच करे तो फर्जी नंबर प्लेट लगाकर गाड़ी चलाने वालों की पहचान की जा सकती है।
रायपुर और बिलासपुर पुलिस कर रही जांच
मुख्यमंत्री कार्यालय से नवीन कुमार की शिकायत रायपुर यातायात पुलिस को भेजी गई है। दो दिन पहले रायपुर यातायात थाने से कॉन्स्टेबल ने इस मामले को लेकर नवीन कुमार को कॉल किया था। चूंकि चालान बिलासपुर से जारी हुआ है, इसलिए मामले बिलासपुर पुलिस भी जांच कर रही है।
एडिशनल एसपी ट्रैफिक रामगोपाल करियारे ने बताया कि एसएसपी ने इस संबंध में जांच के निर्देश दिए हैं। गाड़ी नंबर और ई-चालान दोनों की जांच यातायात पुलिस कर रही है। गोरखपुर की गाड़ी का नंबर यहां कोई इस्तेमाल रहा है, या ई-चालान में कोई गड़बड़ी हुई है। यह जांच के बाद ही पता चलेगा।