थाने में ई-रिक्शा चालक ने लगाई आग, बोला- बहन और बहनोई घर पर कब्जा करना चाहते हैं

ग्वालियर। ग्वालियर जिले के हजीरा थाने में 35 वर्षीय ई-रिक्शा चालक आकाश तिवारी ने खुद पर पेट्रोल डालकर गुरुवार दोपहर 12.15 बजे आग लगा ली। पुलिसकर्मियों ने तुरंत आग बुझाई और उसे अस्पताल भिजवाया। वह जयारोग्य अस्पताल की बर्न यूनिट में भर्ती है। जब उसके मृत्युकालिक कथन लिए गए तो उसने कहा- उसकी बहन भारती पाठक, बहनोई शिवशंकर पाठक व इनके साथी मकान पर कब्जा करना चाहते हैं। मकान को जबरन बेचना चाहते हैं। इसके लिए ये लोग प्रताड़ित कर रहे हैं और झूठी एफआइआर दर्ज करा रहे हैं।

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थाने के अंदर आग लगाकर आत्महत्या का प्रयास करने वाला आकाश 80 प्रतिशत तक जल चुका है। उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। डाॅक्टरों की टीम निगरानी कर रही है। यह घटना थाने के अंदर लगे सीसीटीवी कैमरे में भी कैद हुई है। आकाश हजीरा स्थित लाइन नंबर-एक में मकान नंबर-109 में रहता है। जिस जमीन पर मकान बना है, वह आकाश की मां के नाम थी। यह पट्टे की जमीन थी। पट्टे की जमीन पर मकान बना लिया गया। आकाश तिवारी की बहन भारती ने कानपुर निवासी शिवशंकर पाठक से शादी कर ली थी। शादी के बाद से ही इन लोगों की नजर मकान पर थी। करीब नौ माह पहले शिवशंकर भी यहां आकर रहने लगा। इसके बाद ही इनमें झगड़े शुरू हो गए। आकाश गुरुवार को अपनी पत्नी आरती से कहकर निकला था कि वह शिकायत करने थाने जा रहा है।

यहां पहुंचा और सीधे उसने थाना परिसर में खुद पर पेट्रोल डाला, फिर आग लगा ली। जैसे ही पुलिसकर्मियों ने देखा तो तुरंत आग पर काबू पाने के लिए पानी भी फेंका। आग बुझाकर उसे अस्पताल के लिए रवाना किया। आठ माह पहले क्रास एफआईआर हुई थी, दो दिन पहले बहनोई ने की थी शिकायत आरोप है कि जब से शिवशंकर पाठक ग्वालियर आया था, तब से मकान को कब्जा करना चाहता था। इसके चलते 26 नवंबर 2024 को इनका झगड़ा हुआ था। उस समय शिवशंकर की ओर से आकाश, उसके साले अरविंद और सुनील पर एफआइआर की गई थी। जबकि शिवशंकर पर छेड़छाड़ व मारपीट की एफआईआर आकाश की पत्नी ने कराई थी। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक इस मामले में चालान भी पेश हो चुका है। 22 जुलाई को शिवशंकर ने आकाश के खिलाफ हजीरा थाने में शिकायत की थी।

उसने शिकायत में लिखा था कि आकाश ने घर में लगे सीसीटीवी कैमरे के तार काट दिए हैं। इसके बाद से ही आकाश परेशान था। पत्नी बोली- सुबह शिकायत करने की कहकर गए थे आकाश की पत्नी आरती ने को बताया कि सुबह करीब 11 बजे उसका पति थाने जाने की बात कहकर घर से निकला था। थाने जाकर आग लगा ली। इस बारे में कुछ नहीं पता था। थाने से ही फोन आया कि उन्होंने आग लगा ली है। आरती ने कहा कि ननद और बहनोई व इनका साथी छोटू सिकरवार हमें प्रताड़ित कर रहे थे। मकान बेचना चाहते थे। इन लोगों ने कई बार मारपीट की, छेड़छाड़ तक की, लेकिन पुलिस ने सुनवाई नहीं की। इसके चलते परेशान होकर पति ने यह कदम उठाया।

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