भोपाल में सोमवार (21 जुलाई) से स्कूली बच्चों के ई-रिक्शा से स्कूल आने-जाने पर रोक लगा दी गई है। कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने ई-रिक्शा को बच्चों के लिए असुरक्षित मानते हुए प्रतिबंध का आदेश भी जारी कर दिया है।
आदेश में कहा गया है कि कई स्कूल के छात्र-छात्राओं को घर से स्कूल लाने ले जाने के लिए ई-रिक्शा का इस्तेमाल होता है। यह बच्चों के लिए असुरक्षित है। इनके पलटने का डर ज्यादा रहता है। इन्हीं तथ्यों को ध्यान में रखते हुए डीईओ सभी स्कूल संचालकों को ई-रिक्शा बंद करने को कहेंगे। प्रशासन भी पूरी नजर रखेगा।
कलेक्टर बोले- ई-रिक्शा बच्चों के लिए ठीक नहीं शुक्रवार (18 जुलाई) को भोपाल सांसद आलोक शर्मा ने ट्रैफिक सुधार के लिए बैठक रखी थी। इसमें कलेक्टर सिंह ने ई-रिक्शा स्कूलों में प्रतिबंधित करने को कहा था। उन्होंने कहा था कि छोटे बच्चों को ई-रिक्शा में बैठाकर स्कूल भेजना ठीक नहीं है। सांसद की बैठक के बाद कलेक्टर आदेश भी जारी कर दिए।
पुलिस और एक्सपर्ट की राय पर फैसला- कलेक्टर कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि बैठकों में पुलिस और एक्सपर्ट की राय के बाद ई-रिक्शा में बच्चों को स्कूल लाने ले जाने पर प्रतिबंध लगाया गया है। भोपाल में ई-रिक्शा में स्कूली बच्चों को लेकर हादसे तो नहीं हुए, लेकिन अन्य शहरों में हादसे हो चुके हैं। इसलिए यह फैसला लिया गया है।
भोपाल में साढ़े 12 हजार से ज्यादा ई-रिक्शा रजिस्टर्ड एसीपी ट्रैफिक अजय वाजपेयी ने बताया कि भोपाल में इस समय साढ़े 12 हजार ई-रिक्शा रजिस्टर्ड हैं। हालांकि, स्कूलों से ये अटैच नहीं है, लेकिन कई पेरेंट्स अपनी सहूलियत के हिसाब से ई-रिक्शा से बच्चों को स्कूल भेजते हैं। इन्हें रोकने का काम करेंगे।
कलेक्टर का फैसला अच्छा, हादसों की संभावना कम होगी एक प्राइवेट स्कूल के प्रिंसिपल संजीव श्रीवास्तव ने बताया कि उनके यहां बस और मैजिक से ही बच्चे स्कूल आते-जाते हैं। कलेक्टर का यह फैसला अच्छा है। इससे हादसे की संभावना नहीं रहेगी।
पेरेंट्स किशोर जोशी का कहना है कि वे अपनी बेटी को मैजिक के जरिए ही स्कूल भेज रहे हैं, लेकिन यह आदेश उन बच्चों की सुरक्षा के लिए बढ़िया है, जो ई-रिक्शा से स्कूल आ-जा रहे हैं।