ब्रिटेन के कैंब्रिज में पारा सोमवार को यानी 12 अगस्त 2024 को 34.8 डिग्री सेल्सियस था. इस साल का सबसे अधिक तापमान. पिछले साल जुलाई में पारा अधिकतम 32 डिग्री सेल्सियस पहुंचा था. इससे पहले 2022 में यह इस दौरान 40.3 डिग्री सेल्सियस था. ब्रिटेन में 13 अगस्त 2022 के बाद पहली बार पारा इतना ऊपर गया है. ब्रिटेन के साउथपोर्ट में तो समंदर ही पीछे खिसक गया है. बीच है पर पानी नहीं है. लोग बीच पर मौजूद हैं, लेकिन समंदर की लहरों का मजा नहीं ले पा रहे हैं.
मौसम विभाग ने कहा कि 1961 के बाद से यह 11वां साल है, जब इतना ज्यादा तापमान पहुंचा है. इस 11 साल में से आठ वर्ष सन 2000 के बाद आए हैं. छह पिछले दशक में थे. ब्रिटेन और यूरोप वालों को इतनी गर्मी की आदत नहीं है. इनके लिए यह हीटवेव है. लेकिन ग्लोबल वॉर्मिंग और बढ़ता हुआ तापमान समस्या तो है ही.
World War 3 will be for language, not land! pic.twitter.com/0LYWoI3K0r
— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
अस्पतालों में गर्मी से संबंधित समस्याएं, बीमारियां और दिक्कतें लेकर लोग आ रहे हैं. पिछली साल यूरोप ने भयानक गर्मी बर्दाश्त की. इस दौरान पूरे यूरोप में कुल 47 हजार लोग मारे गए. बार्सिलोना इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल हेल्थ (ISGlobal) ने अपनी स्टडी में इस बात का खुलासा किया है. यूरोप का दक्षिणी हिस्सा पिछले साल सबसे ज्यादा गर्मी से प्रभावित था. पिछला साल दुनिया के इतिहास का सबसे गर्म साल था. जलवायु परिवर्तन की वजह से पूरी दुनिया ही नहीं यूरोप भी गर्म होता जा रहा है. ये बड़ी जलवायु समस्या है.
स्टडी में वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया था कि गर्मी की वजह से करीब 60 हजार लोग मारे जाएंगे. आकंड़ा लगभग करीब पहुंच ही गया था. जो मौतें हुईं हैं, उनमें से ज्यादातर लोग बेघर थे. पिछले 20 वर्षों से यूरोप के लोग बढ़ते तापमान के साथ एडजस्ट करने की कोशिश कर रहे हैं. अर्ली वॉर्निंग सिस्टम सुधर रहा है लेकिन गर्मी तो गर्मी है. ISGlobal की रिसर्चर एलिसा गैलो ने कहा कि हमने यूरोप के 35 देशों का डेटा चेक किया.
अस्पतालों के रिकॉर्ड्स देखे तो पता चला कि पिछले साल गर्मी और हीटवेव से संबंधित 47,690 मौतें दर्ज की गई हैं. सबसे ज्यादा मौतें ग्रीस, बुल्गारिया, इटली और स्पेन में हुई. क्योंकि वहां पर गर्मी का असर पिछली साल बहुत ज्यादा था.