देश की राजधानी दिल्ली और उसके आसपास के क्षेत्रों में मंगलवार सुबह एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3.2 मापी गई और इसका केंद्र हरियाणा के फरीदाबाद में था। झटके करीब 5 सेकंड तक महसूस किए गए, जिससे लोग डरकर अपने घरों से बाहर निकल आए।
राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक यह भूकंप सुबह 6 बजे दर्ज किया गया, जिसका उपकेंद्र जमीन की सतह से 5 किलोमीटर नीचे रहा। भूकंप का अक्षांश 28.29°N और देशांतर 72.21°E दर्ज किया गया।इस भूकंप से किसी प्रकार के जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है, लेकिन यह इस महीने दिल्ली में तीसरी बार भूकंप का झटका है। इससे पहले 11 जुलाई को और उसके एक दिन पहले यानी 10 जुलाई को भी झटके महसूस किए गए थे। उन झटकों की तीव्रता 4.4 दर्ज की गई थी।
लगातार आ रहे इन झटकों से दिल्ली-एनसीआर के लोगों में चिंता का माहौल है। हर बार झटके महसूस होते ही लोग सतर्क होकर घरों से बाहर निकल आते हैं। हालांकि किसी भी घटना में अब तक कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ है।दिल्ली में अक्सर भूकंप के झटके महसूस होने का कारण इसका भौगोलिक स्थान है। राजधानी, हिमालय क्षेत्र के निकट स्थित है, जो दुनिया के सबसे संवेदनशील भूकंपीय क्षेत्रों में से एक है। भारत और यूरेशियन टेक्टॉनिक प्लेटों की टकराहट के कारण धरती की सतह के नीचे हलचल होती रहती है।
नेपाल, तिब्बत और अन्य हिमालयी क्षेत्रों में आने वाले भूकंपों का प्रभाव भी दिल्ली पर पड़ता है। वैज्ञानिकों के अनुसार यदि दिल्ली में बड़ा भूकंप आता है, तो इसकी तीव्रता 6 से 6.9 तक हो सकती है।बार-बार आने वाले इन झटकों ने प्रशासन और आपदा प्रबंधन एजेंसियों को अलर्ट मोड में ला दिया है। विशेषज्ञों की सलाह है कि लोग घबराएं नहीं, लेकिन सतर्कता बरतें और भूकंप के समय तय सुरक्षा उपायों का पालन करें।