जम्मू-कश्मीर में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. रात 9 बजकर 6 मिनट पर कश्मीर संभाग के बारामूला में धरती हिली. रिक्टर स्केल इसकी तीव्रता 4.0 मापी गई. अभी तक नुकसान की कोई खबर नहीं है. उधर, घाटी में भारी बर्फबारी हो रही है. कुलगाम में सड़कें बर्फ से ढक गई हैं. राष्ट्रीय राजमार्ग-44 पर बर्फ हटाने का काम चल रहा है. कश्मीर के साथ ही जम्मू रीजन में भी बर्फबारी हो रही है. डोडा में बर्फबारी के दौरान चारों तरफ बर्फ की परत जमी हुई दिखी.
कश्मीर के ज्यादातर इलाकों में बर्फबारी
कश्मीर के ज्यादातर इलाकों में न्यूनतम तापमान में इजाफा हुआ है. शुक्रवार को घाटी में पश्चिमी विक्षोभ का असर देखने को मिला, जिससे ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी हो रही है. आईएमडी का कहना है कि पश्चिमी विक्षोभ की वजह से जम्मू के मैदानी इलाकों में बारिश और चिनाब घाटी के साथ ही पीर पंजाल पर्वतमाला के ऊंचे इलाकों में बर्फबारी हो सकती है.
पाइप लाइन में जम गया पानी
पूरे कश्मीर में शीत लहर चल रही है. तापमान में गिरावट के कारण पाइप लाइन में पानी जम गया. डल झील सहित कई जलाशय जमने लगे हैं. श्रीनगर में गुरुवार को रात का न्यूनतम तापमान शून्य से 7.3 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया था. इससे पहले बुधवार रात तापमान शून्य से सात डिग्री सेल्सियस नीचे था.
21 दिसंबर से शुरू हुआ चिल्ला-ए-कलां
मौसम विभाग का कहना है कि 29 से 31 दिसंबर तक मौसम के शुष्क रहने की संभावना है. एक से पांच जनवरी तक कश्मीर में छिटपुट स्थानों पर बर्फबारी के आसार हैं. सोमवार तक तापमान में कुछ सुधार हो सकता है. इस समय कश्मीर घाटी चिल्ला-ए-कलां की चपेट में है, जो कि 21 दिसंबर से शुरू हुआ था.
चिल्ला-ए-कलां 40 दिन रहता है. इस दौरान प्रचंड ठंड पड़ती है. इसमें भारी बर्फबारी होती है. तापमान काफी गिर जाता है. चिल्ला-ए-कलां 30 जनवरी को खत्म होगा. इसके बाद 20 दिन के लिए चिल्ला-ए-खुर्द और 10 दिन चिल्ला-ए-
बच्चा रहेगा.