म्यांमार बीते दो दिनों में भूकंप के तेज झटकों से हिल चुका है. शुक्रवार को 7.7 तीव्रता के भूकंप के बाद भारी तबाही मची थी. अब शनिवार को भी भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. शनिवार दोपहर को भूकंप की तीव्रता 5.1 मापी गई. वहीं, भारत ने भूकंप से राहत पहुंचाने के लिए ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ के तहत मेडिकल टीम फोर्स भेजी है. म्यमांर में भूकंप से मरने वालों की संख्या 1644 पहुंच चुकी है.
भारत का ऑपरेशन ब्रह्मा
म्यांमार में आए विनाशकारी भूकंप के बाद हालात गंभीर बने हुए हैं. भारत भी लगातार राहत बचाव कार्य के लिए तत्परता दिखाते हुए म्यांमार के साथ एकजुटता दिखाई है. भारत ने संवेदना प्रकट की और हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है. भारत ने ऑपरेशन ब्रह्मा के तहत एक स्पेशल मेडिकल टास्क फोर्स को राहत और बचाव कार्यों के लिए तैनात किया है.
लेफ्टिनेंट कर्नल जगनीत गिल के नेतृत्व में 118 सदस्यीय मेडिकल टीम म्यांमार के लिए रवाना की गई है. यह टीम एयरबोर्न एंजल्स टास्क फोर्स का हिस्सा है, जो इमरजेंसी के दौरान चिकित्सा और सर्जिकल सहायता प्रदान करने में ट्रेन्ड है. टीम के साथ जरूरी दवाएं भेजी गई हैं.
म्यांमार में भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में 60 बेड वाला ट्रीटमेंट सेंटर स्थापिति किया जाएगा. जिसके तहत इमरजेंसी सेवाएं दी जाएंगी. भूकंप की वजह से म्यांमार की स्वास्थ्य व्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित हो गई है. ऐसे में मेडिकल ट्रीटमेंट सेंटर से काफी मदद मिलेगी. ताकि राहत कार्यों को और अधिक प्रभावी बनाया जा सके.
भारत की नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी
नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी के तहत म्यांमार की मदद, भारत की इस नीति के प्रति कमिटमेंट को दर्शाता है. भारत वसुधैव कुटुंबकम की भावना से पड़ोसी मुल्क को आपदा के समय राहत उनकी सहायता कर रही है.
म्यांमार प्रशासन के साथ भारत का विदेश मंत्रालय इस मिशन के साथ समन्वय स्थापित कर संचालित कर रही है. इस मिशन के तहत भारत-म्यांमार के संबंध मजबूत होंगे. यह मिशन दर्शाता है कि भारत प्राकृतिक आपदाओं के समय पड़ोसी मुल्कों के साथ हमेशा खड़ा होता है और हरसंभव मदद के लिए तत्पर होता है.