गोंडा : जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए कायराना आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना की ओर से चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि भारत अपनी सरहदों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं करता.
इस जवाबी कार्रवाई में भारतीय सेना ने आतंकियों को उनकी ही भाषा में जवाब देते हुए पाकिस्तान की सरपरस्ती में पल रहे आतंकी ढांचे को गहरा झटका दिया है.यह देश के लिए गौरव का क्षण है और अब वक्त है कि हम सभी देशवासी अपनी सरकार के हर निर्णय के साथ एकजुट होकर खड़े हों.
यह संदेश आज अधिवक्ता परिषद की बैठक में प्रांतीय उपाध्यक्ष अरविंद सिंह ने दिया.उन्होंने कहा कि आतंक के खिलाफ लड़ाई में केवल सेना नहीं, बल्कि पूरे राष्ट्र को एकजुट होकर सरकार की नीतियों और निर्णयों का समर्थन करना होगा.उन्होंने कहा, “अब समय आ गया है कि देश के हर नागरिक को यह समझना होगा कि राष्ट्रहित में लिए गए हर निर्णय के पीछे एक बड़ी रणनीति होती है.ऐसे में आलोचना नहीं, सहयोग की जरूरत है.”
बैठक की अध्यक्षता कर रहे जिलाध्यक्ष धनलाल तिवारी ने कहा कि भारत की सरकार पूरी तरह राष्ट्रहित में कार्य कर रही है और हमें उसकी हर कार्रवाई पर भरोसा है.उन्होंने कहा, “हमारी सेना और हमारी सरकार, दोनों ही देश की रक्षा के लिए सतर्क हैं। हमें इन पर गर्व है और इनका मनोबल बढ़ाना हमारा कर्तव्य है.”
बैठक में ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त की गई और शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई. साथ ही इस कार्रवाई को आतंकवाद के खिलाफ एक निर्णायक कदम बताया गया। इस अवसर पर संरक्षक घनश्याम पांडे, महामंत्री जय प्रकाश सिंह, वरिष्ठ अधिवक्ता ओमप्रकाश शुक्ला, रामनरेश यादव, रमेश चंद्र गुप्ता, केके सिंह, चंद्रशेखर सिंह, संतोषी लाल तिवारी, रामबाबू तिवारी और शुभम शुक्ला सहित अनेक अधिवक्ता मौजूद रहे.
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि देश की सुरक्षा और संप्रभुता को सर्वोपरि मानते हुए अधिवक्ता परिषद समाज में जागरूकता फैलाने का कार्य करेगी और सरकार व सेना के पक्ष में एकजुटता का संदेश जन-जन तक पहुंचाएगी.
यह बैठक न केवल देशप्रेम का प्रतीक बनी, बल्कि यह भी दर्शाया कि भारत के नागरिक किसी भी संकट की घड़ी में सरकार और सेना के साथ मजबूती से खड़े हैं.