चुनाव आयोग ने हरियाणा चुनाव में किसी भी तरह की अनियमितता के कांग्रेस के आरोपों को निराधार, गलत और तथ्यहीन बताकर खारिज कर दिया है. आरोपों को लेकर चुनाव आयोग ने 1642 पन्ने का जवाब भी भेजा है. आयोग ने कांग्रेस पार्टी को चुनाव दर चुनाव निराधार आरोपों से दूर रहने के लिए पत्र भी लिखा है. चुनाव आयोग ने कांग्रेस से इस तरह की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने के लिए ठोस कदम उठाने का आग्रह भी किया है.
चुनाव आयोग ने कांग्रेस से आग्रह किया कि मतदान और मतगणना के दिनों जैसे संवेदनशील समय पर गैर-जिम्मेदाराना आरोप सार्वजनिक अशांति, अशांति और अराजकता का कारण बन सकते हैं. पिछले एक साल में 5 विशिष्ट मामलों का हवाला देते हुए, पार्टी से उचित परिश्रम करने और बिना किसी सबूत के चुनावी कार्यों पर आदतन हमलों से बचने के लिए कहा है.
World War 3 will be for language, not land! pic.twitter.com/0LYWoI3K0r
— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
आरोपों का रिटर्निंग अधिकारियों ने गहनता से की जांच
चुनाव आयोग ने कहा कि राजनीतिक पार्टी की ओर से जिन 26 विधानसभा क्षेत्रों को लेकर सवाल उठाए गए थे उसक क्षेत्र के रिटर्निंग अधिकारियों ने गहनता से जांच कर सत्यापन भी किया. जिसमें चुनावी प्रक्रिया में कोई भी गलती नहीं मिली. क्षेत्रों में जो भी कदम उठाए गए वो कांग्रेस उम्मीदवारों या फिर एजेंटों की निगरानी में किया गया था.
ECI की ओर से कांग्रेस पार्टी को जो जवाब भेजे गए हैं उसमें 1642 पृष्ठों के साक्ष्य भी शामिल हैं, जिसमें बताया गया है कि ईवीएम में बैटरी डालने से लेकर 7-8 दिनों वोटों की गिनती खत्म होने तक हर कदम पर कांग्रेस उम्मीदवारों के अधिकृत प्रतिनिधि मौजूद रहे हैं. इसलिए मुख्य निर्वाचन अधिकारी हरियाणा विधानसभा चुनाव में अनियमितता को लेकर कांग्रेस पार्टी की सभी शिकायतों को भी खारिज करते हैं.
ईवीएम की बैटरी को लेकर भी दिया जवाब
ईवीएम में बैटरी डिस्प्ले की स्थिति के बारे में पूरी तरह से बेतुकी बात को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि बैटरी वोल्टेज और क्षमता का ईवीएम के वोट गिनती, संचालन या फिर सुरक्षा से कोई संबंध नहीं होता है. ईवीएम पर बैटरी की स्थिति के बारे में डिस्प्ले जानकारी तकनीकी टीमों की सहायता करने की एक सुविधा है. यह कहना कि बैटरी का लेवल मतदान परिणामों को प्रभावित कर सकता है पूरी तरह से बेतुका है.
चुनाव आयोग ने ईवीएम को लेकर चेतावनी भी दी
चुनाव आयोग ने ईवीएम को लेकर गलत धारणा बनाने और गैर-जिम्मेदाराना आरोप लगाने को लेकर कड़ी चेतावनी भी दी है. इसके साथ-साथ चुनाव आयोग ने ईवीएम को लेकर अदालती फैसलों के बारे में भी बताया है जिसमें तमाम जांच से गुजरने के बाद ईवीएम ने अपना विश्वास हासिल किया है.