4 लाख निवेशकों से 2,467 करोड़ की ठगी में कूटे ग्रुप पर ईडी की कार्रवाई जारी, 188.41 करोड़ की संपत्तियां की जब्त

ED Action on Kute Group: प्रवर्तन निदेशालय (ED) मुंबई ने धनराधा मल्टीस्टेट को-ऑपरेटिव क्रेडिट सोसाइटी लिमिटेड (DMCSL), सुरेश कूटे और अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत बड़ी कार्रवाई करते हुए शुक्रवार (9 मई, 2025) को करीब 188.41 करोड़ रुपये की अचल और चल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया है. इनमें महाराष्ट्र के बीड जिले में स्थित कूटे ग्रुप की कंपनियों की जमीनें, इमारतें और प्लांट-मशीनरी शामिल हैं.

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ईडी ने यह जांच मई से जुलाई 2024 के बीच महाराष्ट्र के विभिन्न पुलिस थानों में दर्ज एफआईआर के आधार पर शुरू की थी. आरोप है कि सुरेश कूटे और उनके साथियों ने DMCSL के माध्यम से हजारों निवेशकों को 12% से 14% तक के भारी ब्याज का लालच देकर निवेश कराया, लेकिन परिपक्वता पर उन्हें या तो आंशिक भुगतान किया गया या बिल्कुल भी नहीं किया गया.

4 लाख निवेशकों से जुटाई भारी रकम, की हेराफेरी

ईडी की जांच में सामने आया है कि कूटे ग्रुप की ओर से चलाई जा रही इस क्रेडिट सोसाइटी ने करीब 4 लाख निवेशकों से भारी रकम जुटाई और उसमें से लगभग 2,467 करोड़ रुपये की हेराफेरी की. यह धनराशि फर्जी लोन के नाम पर कूटे ग्रुप की कंपनियों को दी गई, जिसे सुरेश कूटे और उनका परिवार ही चलाता है. ये पैसे आगे चलकर अलग-अलग खातों के जरिए या नकद के रूप में निकाल लिए गए और इनका उपयोग नई कंपनियों में निवेश, अचल संपत्तियां खरीदने और व्यक्तिगत खर्चों के लिए किया गया.

ईडी ने कंपनी की करोड़ों की चल-अचल संपत्तियों को किया कुर्क

इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने साल 2024 के 9 अगस्त, 20 सितंबर और 14 अक्टूबर को सर्च ऑपरेशंस चलाकर करीब 11 करोड़ रुपये के चल संपत्तियां जब्त की थीं. ईडी ने क्रमशः 24 सितंबर, 9 अक्टूबर और 5 नवंबर, 2024 को 85.88 करोड़, 1,002.79 करोड़ और 333.82 करोड़ रुपये की संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया था. इस प्रकार अब तक इस मामले में कुल 1,621.89 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त या फ्रीज की जा चुकी हैं.

ईडी ने सुरेश कूटे को साल की शुरुआत में कर लिया था गिरफ्तार

ईडी ने सुरेश कूटे को 7 जनवरी, 2025 को गिरफ्तार किया था, जो इस समय न्यायिक हिरासत में हैं. एजेंसी ने 6 मार्च, 2025 को विशेष PMLA कोर्ट, मुंबई में अभियोजन शिकायत दाखिल की थी, जिस पर 11 मार्च को संज्ञान लिया गया. मामले की आगे की जांच फिलहाल जारी है.

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